By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 23, 2018
नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) संबंधी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन का मकसद देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है और आरक्षण की व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सुगत बोस, सौगत रॉय और असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्नों के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा कि यूजीसी अब तक अनुदान एवं प्रशासनिक दोनों तरह का काम करती आई है और सरकार इसके काम को दो हिस्सों में बांटना चाहती है।
एक हिस्सा अनुदान का होगा और दूसरा नियमन का होगा। उन्होंने कहा कि यूजीसी के स्थान पर आने वाली नयी संस्था का संचालन नौकरशाहों द्वारा नहीं, बल्कि शिक्षाविदों द्वारा किया जाएगा। यह स्वतंत्र संस्था होगी। मंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक का जो मसौदा सार्वजनिक रूप से रखा गया था उसमें और पेश किए जाने वाले विधेयक में बहुत फर्क होगा क्योंकि इसमें बहुत सारे सुझावों को समाहित किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रस्तावित संशोधन से उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए तय आरक्षण में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार का इरादा अगले 10 साल में विश्व स्तर के 20 विश्वविद्यालय तैयार करने का है।