वुहान से लौटे छात्र ने सुनायी आपबीती, बताया- भूतहा बन गया है शहर, सड़कें पड़ी हैं वीरान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 06, 2020

औरंगाबाद (महाराष्ट्र)। चीन के वुहान शहर से हाल ही में लौटे एक छात्र ने जब वहां के हालात के बारे में बताना शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे वह किसी फिल्म के ‘भूतहा’ शहर की बात कर रहा हो। उसने बताया कि पूरा शहर वीरान पड़ा हुआ है, सड़कें/गलियां सुनसान हैं, सार्वजनिक परिवहन बिल्कुल ना के बराबर दिख रहे हैं। वुहान के पास स्थित एक विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र आशीष कुर्मे ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 8 दिसंबर 2019 को आया था लेकिन उसके इस कदर फैल जाने की सूचना उन्हें जनवरी के पहले हफ्ते में मिली। महाराष्ट्र में लातूर जिला निवासी कुर्मे भी उन भारतीयों में शुमार थे, जिन्हें वायरस का खतरा बढ़ने के बाद चीन से वापस लाया गया था। कुर्मे ने बताया कि शुरुआत में शहर में कहीं भी आने-जाने पर रोक नहीं थी लेकिन कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही सबकुछ बंद कर दिया गया। आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

 

मराठी समाचार चैनल ‘एबीपी मांझा’ से गुरुवार रात को बातचीत में कुर्मे ने बताया कि विश्वविद्यालय में 27 दिसंबर 2019 से 3 जनवरी 2020 के बीच परीक्षाएं हुईं। उन्होंने कहा कि पहला मामला आठ दिसंबर को सामने आया लेकिन उन्हें इसकी जानकारी जनवरी के पहले हफ्ते में हुई। कुर्मे ने दावा किया, ‘‘वुहान की सड़कों पर लाशें पड़ी होने की वीडियो पूरी तरह फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि भारत आने के बाद मुझे ऐसे वीडियो का पता चला।’’ उन्होंने कहा,  जनवरी के पहले हफ्ते से ही प्रतिदिन शरीर के तापमान की निगरानी शुरू कर दी गई थी। हम लोग आराम से घूम रहे थे और मैं 23 जनवरी तक अपने दोस्तों के पास और बाजार भी गया। लेकिन इस दिन तालाबंदी की घोषणा की गई और हमारी आवाजाही रोक दी गई। 

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस: चार देशों के नागरिकों को तीन मार्च तक जारी वीजा निलंबित

कुर्मे ने बताया,  हमें अपने घरों में बंद कर दिया गया और हमारें शिक्षकों ने हमारी जरूरतों का ध्यान रखा। जब तक हम वहां थे, किसी चीनी नागरिक को हमारे प्रांगण में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी। हालात बिगड़ने के बाद हमने घर लौटने का फैसला किया। कुर्मे ने कहा, ‘‘हमें मास्क दिए गए थे। तालाबंदी के बाद हमारे स्वास्थ्य की कड़ी निगरानी की जा रही थी। हमने भारत वापस जाने का फैसला लिया लेकिन पता चला कि वुहान हवाईअड्डा बंद है।’’ एमबीबीएस छात्र ने बताया कि बीजिंग स्थित भारतीय उच्चायोग ने बस का इंतजाम किया और हमें हवाईअड्डे लाया गया। उन्होंने बताया कि वापस आने के बाद मुझे 14 दिनों के लिए पृथक रखा गया और अवलोकन की अवधि पूरी होने के बाद घर (लातूर) भेज दिया गया। कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित चीन में इसके चलते तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

 

प्रमुख खबरें

पश्चिम बंगाल में बनने जा रही है बाबरी मस्जिद! ममता बनर्जी के राज्य में होने वाला है बड़ा कांड, भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी

Vladimir Putin के डिनर पर Shashi Tharoo हुए शामिल, खड़गे-राहुल गांधी को न्योता नहीं? कांग्रेस ने लगाया सरकार पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर: Ram Nath Kovind