By अभिनय आकाश | May 02, 2025
पहलगाम में पाकिस्तान ने जो किया उसके बाद से भारत क्या करेगा? इस बात को सोच सोच कर पाकिस्तान परेशान है। कहा जा रहा है कि आसिम मुनीर अंडरग्राउंड हैं और चुनी हुई सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले शहबाज शरीफ को भी एक तरह से सरकार से बेदखल कर दिया गया है। वहीं आईएसआई के चीफ को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है। जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी ऑफिशियल नहीं लेकिन अनऑफिशियल तौर पर तख्तापलट पाकिस्तान में हो गया है। आसिम मुनीर का नहीं पता कहां हैं और शहबाज शरीफ की हेल्थ को लेकर भी बीते दिनों खबर आ चुकी है। इस वक्त हर कोई ढूंढ़ रहा है कि शहबाज शरीफ इस वक्त कहां हैं। तीन दिन पहले ही हमने आपको शहबाज शरीफ के आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट होने की बात बताई थी। लेकिन इसके बाद से कोई नया अपडेट सामने नहीं है। इसके अलावा आर्मी चीफ को लेकर भी बीते कुछ दिनों से कोई पता नहीं है।
इसके अलावा पाकिस्तान में इस वक्त सारे फैसले आर्मी ले रही है। आखिरी बार पाकिस्तान में लोकतांत्रिक रूप से मीटिंग हुई थी जिसमें ख्वाजा आसिफ, आसिम मुनीर, पीएम शहबाज शरीफ थे। लेकिन इस मीटिंग के पांच दिन गुजर चुके हैं। लेकिन उस मीटिंग में शामिल दो शख्स शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर का कोई पता नहीं है। आरोप ये लग रहा हैकि शहबाज शरीफ को किनारे कर दिया गया है। आर्मी का कहना है कि जो करना होगा हम करेंगे। वहां के आर्मी चीफ और शहबाज शरीफ के बीच विवाद की भी खबरें सामने आई है। शहबाज शरीफ को ये पता है कि पहलगाम का सारा ऑपरेशन आसिम मुनीर ने करवाया। कल को युद्ध होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। इस बात से आसिम मुनीर नाराज हैं। फिर उसके बाद शहबाज शरीफ भी नदारद नजर आ रहे हैं। आखिरी बार खबर आई थी कि नवाज शरीफ ने उन्हें सला दिया है कि भारत के साथ तनाव न बढ़ाएं और बातचीत से मसला हल करें।
आर्मी लेकिन ऐसा नहीं चाहती। आर्मी की इच्छा है कि तनाव बढ़ने से आर्मी पर भरोसा बढ़ेगा। वहीं बीते दिन आईएसआई चीफ के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाल दी गई है। आसिम मलिक को नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बना दिया गया है। जैसे हमारे यहां अजित डोभाल हैं वैसे ही पाकिस्तान में आसिम मलिक को आईएसआई चीफ से अब एनएसए बना दिया गया है। अक्टूबर 2024 में आईएसआई प्रमुख की भूमिका संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मलिक पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बन गए हैं। अप्रैल 2022 में डॉ. मोईद यूसुफ के जाने के बाद यह पद दो साल तक खाली रहा था, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को सत्ता से हटा दिया गया था।
वहीं लेफटिनेंट जनरल की नियुक्ति बताती है कि पाकिस्तान फौज ने हर क्षेत्र में कंट्रोल ले लिया है। अभी तक पाकिस्तान आर्मी पावरफुल थी। लेकिन सीविलियन सरकार भी हर बातचीत में शामिल रहती थी। लेकिन अब सरकार की तरफ से एनएसए बात करेंगे। मतलब सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर मीटिंग होगी तो आसिम मुनीर और आसिम मलिक बैठेंगे। यानी शहबाज शरीफ अपने आप किनारे लगा दिए गए हैं।
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