भारत-ब्रिटेन एफटीए को लेकर दोनों पक्षों में ‘‘सकारात्मकता व उत्सुकता ’’ है : सीतारमण

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 10, 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिटेन की अपनी समकक्ष रेचल रीव्स के साथ 13वीं मंत्रिस्तरीय भारत-ब्रिटेन आर्थिक व वित्तीय वार्ता (ईएफडी) का बुधवार को समापन किया और द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता को जल्द ही पूरा करने की संभावना जाहिर की।

लंदन स्टॉक एक्सचेंज में आयोजित वार्षिक वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय के अनुसार, ईएफडी से 40 करोड़ पाउंड का व्यापार और निवेश बढ़ा है, जिसमें पेटीएम और एमफैसिस जैसी भारतीय कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने ब्रिटेन के बाजार के लिए निवेश योजनाएं शुरू की हैं।

ईएफडी के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने, द्विपक्षीय वित्तीय सेवा संबंधों को बेहतर बनाने तथा ब्रिटेन औद्योगिक रणनीति, कर, सतत वित्त व अवैध वित्त पर नीतिगत सहयोग को गहरा करने की योजनाएं निर्धारित की गई हैं।

रक्षा क्षेत्र में सहयोग के अवसरों की भी पहचान की गई, जिसमें भारत-ब्रिटेन रक्षा औद्योगिक खाके को अंतिम रूप दिया गया। इससे औद्योगिक क्षेत्रों के बीच संबंधों को मजबूत करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को एकीकृत करने की योजना बनाई गई।

ईएफडी के बाद सीतारमण ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैं इस वार्ता को बेहद महत्व देती हूं। हमने भारत और ब्रिटेन दोनों के लिए रुचि के विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बात की गई जिसके लिए वार्ता जारी है। दोनों पक्षों की ओर से इस पर जल्द निष्कर्ष निकालने के लिए सकारात्मकता, उत्सुकता व समर्पण की भावना व्यक्त की गई। ’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘ हम इसे समाप्त करना चाहते हैं, कुछ मुद्दों पर जो कठिनाइयां हमें हुई हैं...उनसे उबरना चाहते हैं। हम इस पर चर्चा करेंगे और हम निश्चित रूप से इसे अंतिम रूप देंगे, यह मेरी अपेक्षा है।’’

ब्रिटेन के राजकोष की चांसलर ने दोनों देशों के लिए आर्थिक वद्धि को बढ़ावा देने में व्यापार और निवेश के महत्व को स्वीकार करते हुए, ‘‘ सौदे को पूरा करने में तेजी लाना’’ जारी रखने के लिए ब्रिटेन की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

रीव्स ने कहा, ‘‘ हम अपने मुक्त व्यापार समझौते में शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने का प्रयास कर रहे हैं, जो देशों के बीच व्यापार को बाधित करती हैं। मेरा मानना ​​है कि मुक्त व खुले व्यापार से देशों को लाभ होता है, जैसा कि निवेश के मुक्त प्रवाह से होता है और इसीलिए हम भारत के साथ मिलकर उन बाधाओं को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने देशों के बीच व्यापार व निवेश को बढ़ावा देने के लिए किसी मुक्त व्यापार समझौते का इंतजार नहीं कर रहे हैं, जैसा कि आज भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में तथा ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा भारत में महत्वपूर्ण निवेश की घोषणाओं में देखा जा सकता है।’’

संवाद की मेजबानी करने वाले लंदन स्टॉक एक्सचेंज समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डेविड श्विमर ने कहा, ‘‘ प्रगाढ़ साझेदारी से दोनों देशों की सरकारें और नियामक एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद कर सकते हैं जो उनके वित्तीय बाजारों तथा अर्थव्यवस्थाओं को वास्तविक लाभ पहुंचाए।

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