By अभिनय आकाश | Dec 27, 2024
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके विनम्र स्वभाव और कर्तव्यों के प्रति समर्पण को उजागर करने वाली कई कहानियां सामने आई हैं। अपने शांत व्यवहार और संयमित भाषण के लिए जाने जाने वाले डॉ. सिंह के सहयोगियों ने आम आदमी के प्रति उनकी गहरी चिंता और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने वाले कई लेख साझा किए हैं। पूर्व पीएम के निधन पर यूपी के मंत्री असीम अरुण भावुक हुए हैं उन्होंने एक किस्सा भी बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर असीम अरुण ने डॉ. सिंह के निजी वाहन, मारुति 800 से संबंधित एक घटना का जिक्र किया, जो उनके कर्तव्यों के प्रति उनकी ईमानदारी और ईमानदारी को दर्शाता है।
एक्स पर उन्होंने लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।
डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।