मोदी के 'जय' का ये बयान, भारत की स्मार्ट कूटनीति पर दंग रह गई दुनिया

By अभिनय आकाश | Feb 19, 2024

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया के मंच पर एक बार फिर साफ कर दिया कि भारत की सरकार रस से तेल खरीदती रहेगी। जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन मैं ऐसे जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि भारत के पास ओके कई स्रोत है और रूस उनमें से एक है। जयशंकर ने बयान दिया कि हम स्मार्ट हैं और हमारे पास कहीं विकल्प है। आपको तो हमारी तारीफ करनी चाहिए। जयशंकर के इसमें स्मार्ट बयान की चर्चा अब सोशल मीडिया पर भी वायरल है। कूटनीति में ऐसे बयानों का मतलब यह है कि भारत और रूस के बीच दशको पुरानी दोस्ती है। यह आगे भी इसी तरह से चलते रहेगी।

इसे भी पढ़ें: फिलिस्तीनी विदेश मंत्री Riyad al-Maliki के साथ गाजा की स्थिति पर S Jaishankar ने की चर्चा, साझा की तस्वीर

 समकक्षों से मुलाकात पर जयशंकर ने क्या कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी अरब, नॉर्वे, पुर्तगाल, पोलैंड और बेल्जियम के अपने समकक्षों से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों तथा पश्चिम एशिया की स्थिति एवंबहुपक्षवाद जैसे वैश्विक मामलों पर चर्चा की। जयशंकर प्रतिष्ठित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी में हैं। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए दुनिया का अग्रणी मंच है। उन्होंने सम्मेलन से इतर सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल-सऊद के साथ सार्थक बातचीतकी। जयशंकर ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, संपर्क बढ़ाने, पश्चिम एशिया की स्थिति और हमारी रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई। उन्होंने नॉर्वे के अपने समकक्ष एस्पेन बार्थ ईड के साथ व्यापक संदर्भ वाली बातचीत” की और सुधरे हुए बहुपक्षवाद और अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था की अनिवार्यता के बारे में बात की। 

इसे भी पढ़ें: Munich Security Conference । रुसी तेल खरीदने पर पूछा गया सवाल, Jaishankar ने अपने अंदाज में दिया जवाब, सुनकर मुस्कुराने लगे Blinken

भारत की स्मार्ट कूटनीति

पश्चिमी देशों में अक्सर रस को लेकर भारत के स्टैंड को टारगेट करने की कोशिश होती रहती है। लेकिन एस जयशंकर   नई दुनिया के मंच पर स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी कूटनीतिक स्वतंत्रता को बनाये रखेगा। यानी भारत हरेक देश के साथ अलग-अलग और बराबरी का संबंध रखेगा और किसी गुटबाजी का असर अपने संबंधों पर नहीं पड़ने देगा। भारत की स्मार्ट कूटनीति को आप इस तरह से समझ सकते हैं। अमेरिका और दोनों से भारत के नजदीकी संबंध है। दोनों देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा दुनिया के किसी देश के साथ दोनों महाशक्तियों की ऐसी दोस्ती नहीं है। भारत के सेवा के हथियारों में भी ऐसे स्मार्टफोन नीति की झलक साफ नजर आती है। भारत ने रूस से सुखोई लड़ाकू विमान और s400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है तो अमेरिका से चिनूक अपाचे हेलीकॉप्टरों के अलावा कई और हथियार भी आयात किये हैं। 

प्रमुख खबरें

दिल्ली में फिर हुआ डबल मर्डर! जाफराबाद में दो भाइयों को बदमाशों ने गोलियों से भूना, तड़प-तड़प कर मौत

सेंसर मंजूरी लंबित, फिल्मों की रिलीज पर संकट! IFFK में फलस्तीन-थीम वाली फिल्मों सहित 19 प्रदर्शन रोके गए

Recruitment Scam: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने अग्निशमन विभाग के 103 कर्मचारियों की सेवा समाप्त की, जानें ये सख्ती क्यों की गयी?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का BBC पर 10 अरब डॉलर का मुकदमा, बोला- भ्रामक चित्रण से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश