By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 21, 2019
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को पारिवारिक व्यवस्था और इसके मूल्यों को स्कूल के दिनों से ही मजबूत करने और बच्चों को बड़ों का आदर करना सिखाने को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बुजुर्गों के पारिवारिक सदस्यों और समुदायों से आग्रह किया कि उनकी देखभाल और सेहत को उच्च प्राथमिकता दें।
‘हेल्थ एंड वेलबीइंग इन लेट लाइफ: पर्सपेक्टिव एंड नैरेटिव्स फ्रॉम इंडिया’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने भारतीय पारिवारिक व्यवस्था और पारिवारिक मूल्यों को ‘‘भारतीय सभ्यता की खासियत बताया।’’ पुस्तक एम्स के जिरियाट्रिक मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. प्रसून चटर्जी ने लिखी है।
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नायडू ने सामाजिक एवं व्यवहारगत बदलाव का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें भारतीय पारिवारिक व्यवस्था, मूल्यों, संस्कृति और परम्पराओं की तरफ लौटना होगा। माता-पिता, गुरु और प्रकृति का आदर करना भारतीय दर्शन में समाहित है।’’ उपराष्ट्रपति ने बुजुर्गों से दुर्व्यवहार और उन्हें छोड़े जाने की खबरों पर क्षोभ जताया और कहा कि काफी संख्या में बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में जबरन भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बच्चों का कर्तव्य है कि अपने माता-पिता और दादा-दादी की अच्छी तरह देखभाल करें।