By अनन्या मिश्रा | May 22, 2025
यह बैक्टीरिया माइक्रोबायोम का निर्माण करते हैं। यह शरीर के हेल्दी रखने में सहायता करते हैं। वहीं अन्य बैक्टीरिया आपको बीमार कर सकते हैं। बता दें कि हमारा गट माइक्रोबायोम सूक्ष्मजीवों मुख्य रूप से बैक्टीरिया का संग्रह है। जोकि हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में रहते हैं। वहीं हमारे गट में कई हेल्दी बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को दूर रखने में सहायता करता है। हमारे पेट में जो बैक्टीरिया होते हैं, उनको हमारे जरिए खाना-पानी मिलता है। लेकिन जब गुड बैक्टीरिया घट जाता है और बैड बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, तो इससे हमारे स्वास्थ्य और डाइजेशन पर असर पड़ने लगता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। जो गट में बैक्टीरिया का बैलेंस बनाने और डाइजेशन को मजबूत करने में मदद करता है।
इन बातों का रखें ध्यान
हेल्थ एक्सपट की मानें, तो गट में गुड बैक्टीरिया मौजूद होती हैं। जोकि फूड को ब्रेकडाउन करने, बीमारियों से बचाव करने और विटामिन्स को ऑब्जर्व करने में मदद करते हैं। वहीं बैड बैक्टीरिया इंफ्लेमेशन, इंफेक्शन और गट लाइनिंग में डैमेज की वजन बन सकते हैं। जिसके वजह से कब्ज, डायरिया, ब्लोटिंग, मोटापा, कमजोरी, डायबिटीज और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
फाइबर गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि रोजाना कम से कम 30 ग्राम फाइबर डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
वहीं गट को हेल्दी रखने के लिए फाइबर रिच फूड्स का सेवन करना चाहिए। डाइट में साबुज अनाज, सब्जियां, फल, नट्स और फलियां आदि शामिल करें। ये गट में मौजूद गुड बैक्टीरिया के लिए अच्छे माने जाते हैं।
फर्मेंटेड फूड्स का सेवन करना चाहिए। बता दें कि किमची, दही और कई प्रोबायोटिक्स गट हेल्थ के लिए लाभकारी होते हैं।
इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड्स और अधिक शुगर का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लेने से भी गट हेल्थ दुरुस्त रहती है। साथ ही इससे डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं। हालांकि बिना डॉक्टर सलाह पर इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
रोजाना एक्सरसाइज करने से भी गट में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं। वहीं एंटी-बायोटिक्स का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि यह गट फ्लोरा को प्रभावित करती हैं।