By मिताली जैन | Oct 26, 2025
हम सभी को अक्सर फूड क्रेविंग्स होती ही हैं। कभी-कभी कुछ मीठा खाने का मन होता है तो कभी हम कुछ चटपटा खाते हैं। जब यह क्रेविंग्स होती हैं तो हम खुद को रोक ही नहीं पाते हैं। अचानक से मन करता है कि अभी चॉकलेट चाहिए, बस अभी! ऐसे में अक्सर हम अपना फ्रिज टटोलने लग जाते हैं या फिर बाहर अपना पसंदीदा फूड खाने के लिए निकल जाते हैं। हो सकता है कि आप भी अपने टेस्ट बड अैर फूड क्रेविंग्स की वजह से परेशान हो और इससे आपकी सेहत को लगातार नुकसान हो रहा हो।
हालांकि, ऐसे में आपको परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। अगर आप चाहें तो अपनी फूड क्रेविंग्स को आसानी से रीसेट कर सकती हैं। बस आपको अपना माइंडसेट बदलने की जरूरत है और कुछ छोटी-छोटी आदतों को अपाने की जरूरत है। जब आप ऐसा करते हैं तो क्रेविंग्स आप पर हावी नहीं हो पाएंगी। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप फूड क्रेविंग्स को आसानी से रीसेट कर सकते हैं-
अगर आपको फूड क्रेविंग्स हो रही हैं, तो ऐसे में कुछ भी खाने से पहले एक पूरा गिलास पानी पियो और फिर 10 मिनट के लिए रुक जाओ। इससे कई बार आपकी क्रेविंग्स खुद ब खुद खत्म हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कई बार शरीर की प्यास को दिमाग भूख समझ लेता है। पानी पीने से शरीर हाइड्रेट होता है, झूठी भूख की फीलिंग कम होती है और आप बेवजह की स्नैकिंग से बच पाते हैं।
अक्सर लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं और इससे भी उनकी फूड क्रेविंग्स बढ़ने लगती हैं। दरअसल, कम नींद लेने से घ्रेलिन हार्मोन बढ़ता है और लेप्टिन हार्मोन घटता है। यही असंतुलन जंक फूड की क्रेविंग बढ़ाता है, खासकर कार्ब्स और मिठाइयों की क्रेविंग्स कई गुना बढ़ने लगती है। इसलिए रोज़ाना 7-8 घंटे की गहरी अवश्य लें।
अगर आप बेवजह की फूड क्रेविंग्स से बचना चाहती हैं तो ऐेसे में माइंडफुल ईटिंग करना यकीनन काफी अच्छा रहता है। आप हमेशा धीरे-धीरे खाएं और बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के खाना खाएं। दरअसल, जब आप माइंडफुल ईटिंग करते हैं तो ऐसे में दिमाग को समझ आता है कि पेट भर गया है। जल्दी-जल्दी खाने से ये सिग्नल कन्फ्यूज हो जाते हैं और बाद में दोबारा कुछ खाने का मन करता है, भले ही पेट भरा हो।
- मिताली जैन