टैरिफ लगा ट्रंप ने दिखा दी ताकत के बल पर शांति लाने वाली इच्छा, अब India-US ट्रेड डील खत्म कर मोदी देंगे अमेरिका को शिक्षा?

By अभिनय आकाश | Jul 31, 2025

आज आपको रामायण के एक प्रसंग की याद दिलाते हैं। जब प्रभु राम द्वारा शिव के धनुष प्रत्यंचा चढ़ाने के दौरान इसके टूट जाने पर भड़कते हुए परशुराम इसके लिए दोषी ठहराते हैं और भगवान राम को उनसे युद्ध करने के लिए चुनौती देते हैं। जवाब में प्रभु राम परशुराम से कहते हैं कि आपकी ही भांति हम भी रणयज्ञ में विश्वास रखते हैं। धनुष हमारा धर्म है और बाण हमारी दिशा। क्रोध सारथी, चतुरांगिनी सेना हमारी एकता है। साथ ही नम्रता हमारा मंत्रोच्चार है। लेकिन परशुराम को प्रभुराम के ये बोल आंडबर लगते हैं और वो फिर से चीखकर युद्ध करने की चुनौती देते हैं। तब प्रभु राम कहते हैं कि देवता, दैत्य, राजा या अनेक योद्धा बल में हमारे बराबर हो या हमसे अधिक अगर कोई हमें युद्घ में ललकारे तो हम सुखपूर्वक उससे लड़ते हैं। हम काल से नहीं डरते। दुनिया में इन दिनों हथियारों वाले युद्ध से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ वॉर छेड़ा गया है। दुनियाभर के देशों को अपने टैरिफ वॉर का डर दिखा डील साइन करवाते ट्रंप ने अब भारत के साथ भी वहीं हथकंडडा अपनाया है। आखिरकार जिस बात का डर था वही बात हो गई। डोनाल्ड ट्रंप जो भारत के साथ ट्रेड डील के लिए बातचीत आगे बढ़ा रहे थे, उन्होंने आधी रात को भारत पर टैरिफ बम फोड़ दिया है। जिससे भारत में बड़ी हलचल पैदा हो गई है। कई सेक्टर संकट में घिरने की आशंका में आ गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ऐलान किया गया बकायदा और व्हाइट हाउस की तरफ से पोस्ट भी जारी किया गया। ट्रंप की तरफ से बयान भी सामने आया कि अमेरिका भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा। अमेरिका के इस बड़े फैसले ने भारत के निर्यात क्षेत्र में हलचल मचा दी है। खासकर कई बड़े आर्तिक झटके की आशंका पैदा कर दी है। ट्रंप ने इस कदम को अस्वीकार्य गैर-टैरिफ बाधाओं को सुधारने की दिशा में उठाया गया बताया है। जिस तरह से ट्रंप कदम उठा रहे हैं भारत और अमेरिका के बीच 87 अरब डॉलर का निर्यात व्यापार दांव पर है। जहां अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यह टैरिफ उन कई प्रमुख उद्योगों की कंपटीशन को चुनौती देता है जो पहले से ही वैश्विक मंदी का सामना कर रहे हैं। ट्रंप ने इस टैरिफ को ग्लोबल सप्लाई चेन में अमेरिका की ताकत के रूप में पेश किया। 

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भारत पर 25 % टैरिफ 

टैरिफ लगाकर ट्रंप अपने फैसले को सही बता रहे हैं। क़यास लगाए जा रहे हैं कि यह फैसला भारत के रूस के साथ बढ़ते रक्षा और ऊर्जा संबंधों से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि ट्रंप चाह रहे थे कि भारत रूस के साथ अपने सारे व्यापार संबंध तोड़ दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान में भारत के कई प्रमुख एक्सपोर्ट सेक्टर्स को निशाना बनाया गया है। इसमें ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, स्टील, एल्यूमिनियम, स्मार्टफोन, सोलर मॉड्यूल, मरीन प्रोडक्ट्स, रत्न और आभूषण, साथ ही कुछ प्रोसेस्ड फूड और कृषि उत्पाद शामिल हैं। 

आखिर किस तरह का असर दिखेगा ?

रत्न एवं आभूषण, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, कपड़ा और दवा उद्योगों का मामला ज्यादा अहम है। अमेरिका को कुल निर्यात में इनका हिस्सा 40% से ज्यादा है। 2024 में भारत से 21.5 बिलियन डॉलर की इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी, $12.7 बिलियन की दवाएं, $12 बिलियन से ज्यादा के रत्न-आभूषण और $8 बिलियन के रेडीमेड गारमेंट्स सहित टेक्सटाइल्स अमेरिका भेजे गए। हालांकि भारत अकेला नहीं है। 90 देशों पर अमेरिका ने जवाबी टैरिफ लगाया है। बांग्लादेश (35%), थाईलैंड (36%), कबोडिया (36%) और इडोनेशिया (32%) जैसे मुख्य प्रतिद्वंद्वी देशो पर ज्यादा टैरिफ को देखते हुए तुलनात्मक रूप से कुछ मामलों में कम आंच आएगी। 

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हमारे पास जवाब देने के कितने रास्ते हैं?

1. कूटनीतिः उच्च स्तरीय दल भेजकर बातचीत को आगे बढ़ाए, ताकि टैरिफ दरों को 10% तक लाया जा सके।

2. शिकायतः विश्व व्यापार संगठन में। वहां साबित कर सकते हैं- अमेरिकी टैरिफ डब्ल्यूटीओ की बाध्य दरों का उल्लंघन है।

3. ठोस जवाबः ऐसे अमेरिकी आयातित उत्पाद जिनकी मांग भारत में ज्यादा है, उन पर 28% टैरिफ लगा सकते हैं। इससे अमेरिका पर 217 मिलियन डॉलर तक का बोझ पड़ सकता है।

4. पीएलआईः छोटे उद्योगों को ऐसी योजनाओं के जरिए आर्थिक मदद। फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स को प्रोत्साहन बढ़ाएं। 

ब्रिटेन जैसी डील करनी होगी

भारत अब तक अमेरिकी सामान पर 17% औसत टैरिफ लगाता है। ये दुनिया की सबसे बड़ी व्यापार पंचायत डब्ल्यूटीओ से स्वीकृत टैरिफ दरें हैं। जबकि अमेरिका अब तक भारतीय सामान पर 3% औसत टैरिफ लगाता है। भारत को विकासशील अर्थव्यवस्था होने के नाते 17 फीसदी टैरिफ दर का अधिकार है। ट्रम्प ने अब मनमाना 25% टैरिफ लगाया है। भारत की अमेरिका से शर्त फ्लैट टैरिफ नहीं प्रोडक्ट पर है। हमें फ्लैट टैरिफ मंजूर नहीं। साथ ही अमेरिका हमारे कृषि क्षेत्र में एंट्री चाहता है। ये संभव नहीं। अमेरिका में हर किसान को सालाना लगभग 26 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है जबकि हमारे यहां के किसान की औसत आय ही एक लाख रुपए से कम है। भारत को नए ट्रेड अलायंस खोजने होंगे। इस दिशा में हाल में भारत ने ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील की है। इसमें भारत के 99% को टैरिफ फ्री एंट्री मिली है। ब्रिक्स को भी नए पार्टनर के रूप में विकसित करना होगा। चीन, ब्राजील और द. अफ्रीका को साथ लेकर ग्लोबल साउथ से अमेरिका को व्यापार चुनौती देनी होगी। 

बातचीत का क्या होगा?

साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए हो रही बातचीत के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 25% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का जो ऐलान किया है, उससे निर्यात पर काफी बड़ा असर पड़ेगा। उद्योग संगठनों ने यह चिंता जताई है। व्यापार समझौते पर बातचीत के छठे दौर के लिए अमेरिकी अधिकारियों का दल 25 अगस्त को भारत आने वाला है। कॉमर्स मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने जो कुछ कहा है, उसमें पेनाल्टी सहित कुछ चीजें साफ नहीं हैं। द्विपक्षीय समझौते पर बातचीत जारी रहेगी। इस बीच मिनी ट्रेड डील का प्रयास भी हो रहा है। यह डील होने पर इसकी शर्तों के मुताबिक टैरिफ लगेगा। इसकी संभावना बनी हुई है। 

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