UK PM Visit to India | 'तकनीक का भविष्य तय करेगा भारत-ब्रिटेन सहयोग', PM Keir Starmer की यात्रा का मकसद

By रेनू तिवारी | Oct 07, 2025

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर 8 से 9 अक्टूबर तक भारत यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इस यात्रा के दौरान, श्री स्टारमर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों" पर चर्चा करेंगे। यह यात्रा गाजा और यूक्रेन में चल रहे युद्धों की पृष्ठभूमि में हो रही है। उनकी यात्रा से द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि यह भारत और ब्रिटेन द्वारा व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर करने के कुछ महीनों बाद हो रही है।

ब्रिटेन के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ऑनलाइन सुरक्षा मंत्री कनिष्क नारायण ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की इस सप्ताह भारत यात्रा से एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे साझा हितों के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। ब्रिटिश भारतीय मंत्री नारायण ने स्टार्मर के आठ से नौ अक्टूबर को होने वाले भारत के पहले आधिकारिक दौरे से पूर्व कहा कि तकनीक के साथ-साथ अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन सहयोग के लिए एक ‘‘असाधारण नींव’’ पहले ही रखी जा चुकी है।

नारायण को हाल में विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसआईटी) का प्रभार सौंपा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री दो दिवसीय भारत यात्रा पर आ रहे हैं। दोनों नेता मुंबई में ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ के छठे संस्करण को संबोधित करेंगे और उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं एवं नवप्रवर्तकों के साथ बातचीत करेंगे। नारायण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की भारत यात्रा ‘कनेक्टिविटी’, एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों में हमारे साझा हितों में महत्वपूर्ण प्रगति करेगी।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन अनुसंधान पर महत्व दे रहे हैं, साथ ही इन तकनीकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनाने पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करते हैं। यह यात्रा व्यावहारिक सहयोग के साथ इस साझा ध्यान को और गहरा करने के लिए है।’’ बिहार में जन्मे लेबर पार्टी के सांसद ने पिछले साल के आम चुनाव में वेल्स से भारतीय मूल के पहले सांसद के रूप में चुने जाने पर इतिहास रचा था। नारायण इस बात से उत्साहित हैं कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्विपक्षीय साझेदारी के प्रमुख ध्यान वाले क्षेत्रों में से एक है और इसमें गठजोड़ की अपार संभावनाएं हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों में सहयोग के लिए असाधारण आधार है: अनुसंधान साझेदारी, गहन और व्यक्तिगत इतिहास तथा भविष्य की निरंतर खोज। हम इनका उपयोग व्यावहारिक एआई और ऑनलाइन सुरक्षा अनुसंधान के विशिष्ट अवसरों में कर सकते हैं, अपनी कंपनियों और सार्वजनिक सेवाओं में एआई उत्पादों को अपना सकते हैं तथा यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि एआई और ऑनलाइन अनुभव भारत और ब्रिटेन के लोकतांत्रिक मूल्यों की पूर्ति करें।

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