By एकता | Aug 28, 2025
अगर आप बचपन में घर के झगड़े देखते हुए बड़े हुए हैं, या माता-पिता के होते हुए भी अकेलापन महसूस करते हुए पले-बढ़े हैं, तो सम्भव है कि आपने अनजाने में कुछ ऐसा सीखा हो जो आपके रिश्तों के लिए सही नहीं है। बचपन में जो गलत व्यवहार हम देखते हैं, वह अक्सर हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाता है और हम भी वही दोहराने लगते हैं। यह आदत लंबे समय तक हमारे भीतर रहती है और किसी न किसी मोड़ पर बाहर आ ही जाती है। यही वजह है कि रिश्तों में कई बार ऐसे व्यवहार देखने को मिलते हैं, जो उन्हें टूटने की कगार पर ले आते हैं।
रिश्तों में कई बार कुछ पुराने सीखे हुए व्यवहार सामने आते हैं, जो अनजाने में नुकसान पहुंचाते हैं। यहां तीन ऐसे आम व्यवहार बताए गए हैं।
मौन व्यवहार
जब कोई व्यक्ति अपनी नाराजगी या असहमति जाहिर करने के बजाय चुप्पी साध लेता है, तो यह रिश्ते में दूरी बढ़ा सकता है। बातचीत और खुलकर अपनी भावनाएं साझा करना किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाने की कुंजी है।
अपनी कमजोरियों का हथियार बनाना
कुछ लोग अपनी कमजोरियों या दर्द को बार-बार सामने रखकर साथी को दोषी महसूस कराते हैं। यह व्यवहार रिश्ते में दबाव और अपराधबोध पैदा करता है, जिससे स्वस्थ संतुलन बिगड़ जाता है।
अपनी असुरक्षाओं का अपने ही खिलाफ इस्तेमाल करना
जब कोई अपनी असुरक्षाओं को पहचानने के बजाय उन्हें रिश्ते को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करता है, जैसे बार-बार शक करना या खुद को कमतर मानना, तो यह दोनों के लिए तकलीफदेह होता है। इन असुरक्षाओं पर खुलकर बात करना और समाधान ढूंढना ही रिश्ते को मजबूत कर सकता है।
अच्छी बात यह है कि इन आदतों को बदला जा सकता है। जब हम समझ जाते हैं कि हमारे बचपन के अनुभव हमारे स्वभाव को प्रभावित करते हैं, तब हम सचेत होकर अपने व्यवहार में सुधार ला सकते हैं। छोटे-छोटे बदलाव और बेहतर संवाद रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं, और उन्हें टूटने से बचा सकते हैं।