UPI ने बनाया मोबाइल से भुगतान करने को और आसान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 03, 2016

प्रभासाक्षी के लोकप्रिय कॉलम 'आर्थिक विशेषज्ञ की सलाह' में लगातार ऐसे प्रश्न मिल रहे हैं जोकि काफी हद तक मिलते जुलते हैं। हमने कुछ ऐसे प्रश्नों को छांटा है जोकि सर्वाधिक मिलते जुलते लगे। पाठकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक व कंपनी सचिव श्री बी.जे. माहेश्वरी जी। श्री माहेश्वरी पिछले 32 वर्षों से कंपनी कानून मामलों, कर (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष) आदि मामलों को देखते रहे हैं। यदि आपके मन में भी आर्थिक विषयों से जुड़े प्रश्न हों तो उन्हें edit@prabhasakshi.com पर भेज सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को प्रकाशित होने वाले इस कॉलम के अगले अंक में आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास रहेगा।

 

प्रश्न-1. मेरी एक एफडी मैच्योर होने वाली है और उसका पैसा मेरे अकाउंट में ही आएगा। मैंने हाल ही में अपने बचत खाते में ढाई लाख रुपए जमा किये थे क्या एफडी का पैसा जमा होते ही सीमा पार हो जाएगी और इस पर क्या कोई कार्रवाई होगी?

 

उत्तर- एफडी का पैसा आपके अकाउंट में आने पर आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। एफडी का पैसा ढाई लाख रुपये की सीमा में नहीं जुड़ेगा।

 

प्रश्न-2. हम चार भाई प्रतिमाह अपनी माँ को घर चलाने के लिए पैसे देते हैं। माँ के पास पांच लाख रुपए से ज्यादा के पुराने नोट हैं हम कैसे साबित करें कि वह कालाधन नहीं है?

 

उत्तर- आपको अपनी मां के आयकर रिटर्न में जो बचत हुई है उसका ब्यौरा देना होगा और आयकर पूछताछ में आपको इसके बारे में बताना होगा। हो सकता है इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो।

 

प्रश्न-3. शादी में बहन को जो शगुन के नाम पर पुराने नोट मिल गये हैं उनको क्या कह कर बैंक में जमा कराएँ?

 

उत्तर- शादी में बहन को जो शगुन के नाम पर पुराने नोट मिले हैं उन्हें 'रिश्तेदारों से मिले उपहार' कह कर बैंक में जमा कराएं।

 

प्रश्न-4. मेरे पास 1000 रुपए के कुछ पुराने नोट थे, बैंक में जमा कराने गया तो पता चला कि उनमें से 8 नकली हैं। क्या नकली नोटों के मामले में कहीं कोई सुनवाई हो सकती है या मुझे नुकसान सहना होगा?

 

उत्तर- आपके पास जो नकली नोट मिले हैं उसका नुकसान तो आपको ही उठाना होगा क्योंकि ऐसी परिस्थिति में बैंक आपसे पूछ सकता है कि यह नोट कहां से आये और पुलिस कार्रवाई भी हो सकती है।

 

प्रश्न-5. सरकार ने वैध करेंसी वाले नोट बैंक में जमा कराने वालों के लिए निकासी की सीमा बढ़ा दी है। यदि मैंने 50 हजार रुपए की वैध करेंसी जमा कराई तो क्या प्रति सप्ताह नियत 24 हजार रुपए के अलावा यह 50 हजार रुपए भी सप्ताह में ही निकाल पाउंगा?

 

उत्तर- जी हां, प्रति सप्ताह नियत 24 हजार रुपए के अलावा यह 50 हजार रुपए भी सप्ताह में ही निकाल पायेंगे।

 

प्रश्न-6. कई जगह देखने में आ रहा है कि बैंक खुलते के साथ ही कैश खत्म हो जाता है जबकि पहचान वालों को पिछले दरवाजे से पैसे दिये जाते हैं। क्या इसकी कहीं शिकायत की जा सकती है?

 

उत्तर- इस बारे में आप भारतीय रिजर्व बैंक में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के लिए ईमेल पता और फोन नंबर आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 

प्रश्न-7 यह बात सामने आयी थी कि 500 के नये नोट में छपाई संबंधी कोई त्रुटि है तो क्या वह वैध करेंसी मानी जाएगी? यदि त्रुटि वाले नोट हमें मिलें तो हम क्या करें?

 

उत्तर- यह वैध करेंसी है इसके बारे में भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है। छपाई में त्रुटि की वजह से नोट अवैध नहीं होता।

 

प्रश्न-8. सरकार ने यूपीआई के जरिये लोगों से भुगतान करने को कहा है। इस प्रक्रिया से भुगतान किस प्रकार किया जाता है?

 

उत्तर- यूपीआई द्वारा भुगतान कई प्रकार से किया जाता है। दरअसल यूपीआई का पूरा अर्थ है- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, यह एक ऐसा ​एप्लिकेशन है, जिसके द्वारा ग्राहक आसानी से पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। इसके तहत आप केवल स्मार्टफोन से एक क्लिक के जरिए भुगतान कर सकेंगे। इसमें नेट बैंकिंग की तरह लॉग-इन या ट्रांजेक्शन पासवर्ड डालने की जरूरत नहीं बल्कि एक आईडी भर बनाना है और भुगतान के लिए एक क्लिक ही करना है। बहुत सारे बैंक इस सुविधा को अपने ग्राहकों को प्रदान कर रहे हैं। इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए आपको अपने बैंक की वेबसाइट से ज्यादा जानकारी लेनी होगी। इसके तहत आप एक वर्चुअल आईडी बना सकते हैं और एक दिन में यूपीआई एप के जरिये 50 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक ट्रांसफर कर सकते हैं।

 

प्रश्न-9. 2000 रुपए के नकली नोट पकड़े जाने की खबरें आम हो रही हैं। इस मूल्य के नोट के असली होने की पहचान क्या है?

 

उत्तर- 2000 रुपए के नोट के असली होने की कई पहचान हैं, जैसे- नोट पर कलर पट्टी का कलर चेंज होता है। नोट में तार इनबिल्ट है। 2000 और 500 के नोटों में दिव्यांग जनों की पहचान के लिए लाइन दी है। नोट में और भी फीचर हैं इसके बारे में जानकारी आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 

प्रश्न-10. सरकार को आयकर अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत क्यों पड़ी जबकि बड़ी संख्या में लोग घर में रखी नगदी बैंकों में जमा करा ही रहे थे?

 

उत्तर- सरकार ने यह सुविधा उन सभी लोगों को दी जो अपनी अघोषित आय इस योजना में जमा कराना चाहते हैं। नकदी जमा करवाने वाले 50 प्रतिशत टैक्स (सभी कर व उपकर शामिल) देने के बाद बाकी 50 प्रतिशत का उपयोग कर सकते हैं। इसमें से 25 प्रतिशत चार साल बाद प्रयोग कर सकते हैं। इस योजना से सरकार को टैक्स राजस्व मिलेगा।

 

नोटः कर से जुड़े हर मामले चूँकि भिन्न प्रकार के होते हैं इसलिए संभव है यहाँ दी गयी जानकारी आपके मामले में सटीक नहीं हो इसलिए अपने विशेषज्ञ की सलाह भी ले लें।

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