By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2020
नयी दिल्ली। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि 44 वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के विनिर्माण की निविदा को तकनीकी योग्यता चरण में कुछ बोलीदाताओं द्वारा लगाई गई कीमत का पता चलने के कारण रद्द किया गया है। बोली दो चरणों में आमंत्रित की गई थी। पहले चरण में तकनीकी बोली और दूसरे चरण में वित्तीय बोली। पहले तकनीकी बोली को खोला गया और मूल्यांकन किया गया। इसके बाद केवल उन्हीं बोलीदाताओं की वित्तीय बोलियों को खोला जाता, जो तकनीकी बोली में सफल रहतीं। उन्होंने बताया, ‘‘पारदर्शिता के लिए मूल्यांकन समिति को तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन करते समय वित्तीय बोलियां नहीं दी जाती हैं। हालांकि, रेलगाड़ियों की निविदा की तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन करते समय समिति ने पाया कि पहले चरण की बोली में वित्तीय प्रस्तावों के कुछ ब्यौरे भी थे।’’
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने कहा, ‘‘पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए समिति ने निविदा रद्द करने और नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित करने की सिफारिश की। निविदा को मंजूरी देने वाले अधिकारी, आईसीएफ (इंटिग्रल काच फैक्ट्री) के महाप्रबंधक ने इस सिफारिश को मान लिया। अब एक सप्ताह के भीतर नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि तीन कंपनियों ने आपूर्ति किए जाने वाले उत्पादों की कीमत का उल्लेख करने की गलती की है और उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। रेलवे मंत्रालय ने निविदा को रद्द करते हुए कहा था कि वह सरकार की नई सार्वजनिक खरीद नीति का पालन कर रही है और नए सिरे से निविदा आमंत्रित की जाएगी। पिछले महीने जब निविदा खोली गई थी, तो उनमें चीन की एक कंपनी का संयुक्त उद्यमसीआरआरसी पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड 44 रेलगाड़ियों के लिए बिजली उपकरण और अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में एक मात्र विदेशी कंपनी थी।
इस संयुक्त उद्यम का गठन 2015 में चीन स्थित सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम स्थित पायनियर फिलमेड प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुआ था। यह निविदा रेलवे की योजना के अनुसार आईसीएसफ चेन्नई ने दस जुलाई को जारी की थी। निविदा जमा करने वाली अन्य पांच कंपनियों में सरकारी कंपनी भेल, संगरूर की भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रानिक्स प्रा लि. , मेधा सर्वो ड्रइव्स प्रा. लि. और पावरनेटिक्स एक्विपमेंट इंडिया प्रा.लि. शामिल थीं।