By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 03, 2018
नयी दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने फेकन्यूज के मामले में पत्रकारों के मान्यता पत्र के लिए संशोधित दिशा- निर्देश के केंद्र के कदम की आलोचना की और कहा कि यह कदम ‘‘अघोषित आपातकाल’’ के समान है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अधिकारी प्रवीण तोगड़िया ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया और कहा कि किसी भी तरीके से उसकी आवाज दबाना नागरिक अधिकारों के लिए खतरनाक है। उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘सरकार के इस बेहद अलोकतांत्रिक कदम की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह और कुछ नहीं बस अघोषित आपातकाल है।’’
उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि जिन्होंने 52 वर्ष तक ‘‘इस तरह के आपातकाल’’ का विरोध किया, वही अब सत्ता में आने के बाद इस तरह का बर्ताव कर रहे हैं। तोगड़िया ने कहा, ‘‘यह स्तब्धकारी और डरावना है।’’ उन्होंने कहा कि मीडिया की किसी स्टोरी से सहमत या असहमत होना यह व्यक्ति पर निर्भर करता है लेकिन मीडिया की आवाज को दबाना स्वीकार्य है। विहिप नेता ने कहा,‘‘ यह शासकों की खतरनाक प्रवृत्ति होती है।’’