सीबीआई ने आरोप लगाया है कि व्यापमं के तत्कालीन प्रधान सिस्टम एनालिस्ट को आरोपी लोक सेवकों ने अभ्यर्थियों का ब्योरा मुहैया कराया था। उसके कंप्यूटर की जांच से पता चला कि उसने अभ्यर्थियों और उनकी सिफारिश करने वालों के ब्योरे वाली एक निजी फाइल बना रखी थी। प्रवक्ता ने कहा कि नतीजे आने से पहले अधिकारी ने पसंदीदा अभ्यर्थियों का एक अन्य डेटाबेस बना लिया था।
उन्होंने कहा कि, ‘यह आरोप भी लगाया गया कि नतीजों के डेटाबेस में उसने अभ्यर्थियों की जरूरत के मुताबिक अंक बढ़ा दिए ताकि वे परीक्षा पास कर सकें और इसके बाद 84 आरोपी उम्मीदवारों की ओर से हासिल किए गए वास्तविक अंकों को नतीजों की फाइल से मिटा दिया गया।’ प्रवक्ता ने बताया कि ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में वह कोई बदलाव नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि, ‘आरोपी अभ्यर्थियों की ओर से हासिल किए गए असल अंक, ओएमआर शीट के मुताबिक, नतीजे में बताए गए अंकों से कम थे।’