राहुल गांधी ने जयशंकर के बयान को बताया 'कायरता', पलटवार में विदेश मंत्री ने कांग्रेस को याद दिलाया 1962

By गौतम मोरारका | Feb 27, 2023

हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिये साक्षात्कार में चीन से संबंधित मुद्दों पर कई बातें कही थीं। इन बातों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने तरीके से पेश किया है लेकिन उन्हें सरकार की ओर से तगड़ा जवाब भी मिल गया है। हम आपको बता दें कि रायपुर में कांग्रेस के महाअधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि शक्तिशाली के सामने झुक जाना और कमजोर से लड़ना ‘कायरता’ है और यह राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। इसके जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है। विदेश मंत्री ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि हम 1962 को दोहराना नहीं चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यूपर्ण है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कुछ लोग राजनीति करते हैं।


हम आपको यह भी बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान जी-20 मुद्दे पर भी कई बातें बताईं। भारत की एक साल की जी-20 की अध्यक्षता पर अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर आप आज मुझसे पूछते हैं, साधारण भाषा में बताओ कि क्या होगा जब जी-20 होगा। मैं कहूंगा कि दो चीजें होगी। जी-20 भारत को दुनिया के लिए तैयार कर रहा है। जी-20 दुनिया को भारत के लिए तैयार कर रहा है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 की मुख्य चिंता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाने के तरीके खोजने की होगी। जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उपभोक्ताओं को पेट्रोल मूल्य वृद्धि से यथासंभव राहत देने की कोशिश की है तथा महंगाई कम करने के कदम उठाये हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया यह सबक सीख गयी है कि सुरक्षा का मतलब केवल भौतिक सुरक्षा नहीं, ना ही केवल आर्थिक सुरक्षा है। इसका अर्थ स्वास्थ्य सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा भी है। इसलिए, हमें आज वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाने के तरीके खोजने होंगे।’’ जयशंकर ने कहा कि इस साल जी-20 के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर के सम्मेलनों के अलावा 15 मंत्री स्तरीय बैठकें भी होंगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने आज पूरी दुनिया पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला है और इस तरह की नाराजगी की भावना है कि विकसित देशों ने महामारी के दौरान खुद के बारे में ही सोचा। जयशंकर ने कहा कि भारत को छोड़कर कुछ ही देशों ने बाकी दुनिया के बारे में सोचा।

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