हमें किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए: जनरल बिपिन रावत

By अंकित सिंह | Jul 03, 2021

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना को एक बार फिर सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भले ही सीमा पर तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है बावजूद इसके भारत को एलएसी की स्थिति को हल्के में कभी नहीं लेना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर दोहराया कि हमें पड़ोसी मुल्क के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। जनरल रावत ने कहा कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को एक अलग सैन्य कमान संरचना की आवश्यकता है। जनरल रावत ने कहा कि देश को ‘ग्रे जोन’ युद्ध जैसे उभरते सुरक्षा खतरों का सामना करने के लिए एक अलग सैन्य कमान संरचना और एक आदर्श प्रतिमान की जरूरत है। 

 

इसे भी पढ़ें: नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पाक स्थित इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग में नजर आया ड्रोन


जनरल रावत ने हाल में ही जम्मू वायु स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के हमले भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करते हैं तो उसे अपनी पसंद का स्थान और समय पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखना चाहिए। थिंक-टैंक ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी)’ में एक सत्र में, जनरल रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों ने ड्रोन रोधी एक तंत्र विकसित किया है, लेकिन देश को यदि संपूर्ण रणनीतिक संपत्तियों की रक्षा करनी है तो उसे बहुत बड़ी संख्या में ऐसी प्रणालियों की आवश्यकता है। उन्होंने सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करने वाली प्रस्तावित ‘थिएटर कमान’ का भी पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि भविष्य की चुनौतियों, युद्धों और संचालन के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पुनर्गठन आवश्यक था। उन्होंने कहा कि नए ढांचे एक साल के भीतर उभरेंगे। जम्मू में ड्रोन हमले के संदर्भ में, जनरल रावत ने कहा, ‘‘संघर्षविराम का मतलब नियंत्रण रेखा पर विरोधियों के बीच केवल आग को रोकना नहीं है। यदि आप अप्रत्यक्ष प्रणालियों का उपयोग कर रहे हैं, सद्भाव को बाधित करेंगे और एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाएं ... यह संघर्षविराम का उल्लंघन है। हम इससे उसी तरह निपटेंगे।



किसी भी एकीकृत युद्ध अभियान में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है: भदौरिया


वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि किसी भी एकीकृत युद्ध अभियान में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है। वायु शक्ति पर एयर चीफ मार्शल भदौरिया की टिप्पणी तब आई जब प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के वायु रक्षा चार्टर के साथ-साथ जमीनी बलों के लिए सहायक शाखा के रूप में इसकी भूमिका के बारे में बात की। पूर्वी लद्दाख की स्थिति का उल्लेख करते हुए, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने पिछले कुछ महीनों में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, हालांकि दोनों पक्षों नेपेंगोंग सो क्षेत्र से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को अंजाम दिया है। भारतीय वायुसेना की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने इसकी वायु रक्षा भूमिका के बारे में बात की और कहा कि थिएटर कमान में से एक देश में हवाई क्षेत्र के समग्र प्रबंधन को देखेगी। थिंक-टैंक ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी)’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में जनरल रावत और एयर चीफ मार्शल भदौरिया अलग-अलग एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘यह अकेले सहायक भूमिका नहीं है। किसी भी एकीकृत युद्ध भूमिका में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है।’’ 

प्रमुख खबरें

Election Commission ने AAP को चुनाव प्रचार गीत को संशोधित करने को कहा, पार्टी का पलटवार

Jammu Kashmir : अनंतनाग लोकसभा सीट के एनपीपी प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए पिता से लिये पैसे

Mumbai में बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चिकित्सक समेत सात आरोपी गिरफ्तार

‘आउटर मणिपुर’ के छह मतदान केंद्रों पर 30 अप्रैल को होगा पुनर्मतदान