By अभिनय आकाश | Jun 06, 2025
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद की अध्यक्षता करते हुए मध्य एशियाई देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें कनेक्टिविटी, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस सत्र में कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष राजनयिकों ने हिस्सा लिया, जो साझा क्षेत्रीय चुनौतियों और अवसरों से निपटने के लिए बढ़ते दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
बैठक के बाद, जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज सुबह दिल्ली में चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद की अध्यक्षता करते हुए प्रसन्नता हुई। अपने मध्य एशियाई सहयोगियों उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ, उप-अध्यक्ष और विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव, विदेश मंत्री झीनबेक कुलुबाएव, विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन और विदेश मंत्री बख्तियार सैदोव को उनके आकलन और विचारों के लिए धन्यवाद। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा करने वाले मध्य एशियाई भागीदारों के प्रति भारत की सराहना व्यक्त की। संपर्क, क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद, प्रौद्योगिकी सहयोग, विकास साझेदारी और लोगों के बीच आदान-प्रदान के विषयों पर उत्पादक और व्यापक चर्चा हुई। मुझे विश्वास है कि आज हमारे विचार-विमर्श से भारत-मध्य एशिया साझेदारी और भी अधिक घनिष्ठ और गहरी होगी।
वार्ता में अपने आरंभिक भाषण में जयशंकर ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए मध्य एशियाई देशों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आपके देश भारत के साथ खड़े रहे और पहलगाम में अप्रैल में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा की। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह एकता भारत और उसके क्षेत्रीय भागीदारों के बीच आपसी विश्वास की गहराई को दर्शाती है।