इस बीमारी में पीरियड्स आने के बाद भी होती है गर्भधारण में समस्या, जानें लक्षण और इलाज

By प्रिया मिश्रा | Jul 28, 2022

आजकल महिलाओं में फर्टिलिटी से संबंधी कई तरह की समस्याएं आम हो गई हैं। प्रजनन उम्र में महिलाओं की दोनों ओवरी में से किसी एक से एग रिलीज होता है। यही एग पुरुष के स्पर्म के साथ मिलकर प्रेगनेंट होने में मदद करता है। लेकिन जब नियमित मासिक चक्र के बावजूद ओवुलेशन नहीं हो पाता तो इसे एनोवुलेशन कहते हैं। इस स्थिति में महिलाएं इनफर्टिलिटी का शिकार होती हैं।


एनोवुलेशन क्या है?

ओवरी से एग रिलीज होने के लिए कई हार्मोंस शामिल होते हैं। शरीर में गोनाडोट्रॉपिन रिलीजिंग हार्मोन, एफएसएच और एलएच जैसे हार्मोनों में से किसी असंतुलन के कारण ओवुलेशन में समस्या हो सकती है। इसके अलावा  यदि वजन ज्यादा हो तब भी टेस्टेस्टरोन अधिक होने से एनोवुलेशन हो सकता है। बहुत ज्यादा तनाव भी एनोवुलेशन का कारण बन सकता है। एनोवुलेशन की स्थिति एक साल या इससे अधिक समय के लिए चल सकती है। यह मासिक धर्म के दौरान कभी भी हो सकता है। हालांकि, मासिक धर्म या मेनोपॉज शुरू होने से पहले यह ज्यादा कॉमन होता है।

इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंसी में केसर खाने से सेहत को मिलते हैं ये बेहतरीन फायदे, दूर होती हैं ये समस्याएं

एनोवुलेशन के लक्षण 

मासिक चक्र बढ़ना या कम होना

मासिक धर्म ना होना

अनियमित पीरियड्स

सर्विकल म्‍यूकस की कमी

अनियमित बेसल बॉडी टेंपरेचर

इसे भी पढ़ें: शरीर में इस चीज की कमी से भी हो सकती हैं बांझपन की समस्या, जानें बचाव के उपाय

एनोवुलेशन में प्रेगनेंट हो सकते हैं?

जब एग पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होता है, तभी महिला प्रेगनेंट हो पाती है। ओवुलेशन के बिना एग फर्टिलाइज नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती है। हालांकि, जीवनशैली में कुछ बदलाव करके और दवाओं की मदद से एनोवुलेशन को ठीक करके महिला प्रेगनेंट हो सकती है।


एनोवुलेशन का इलाज 

एनोव्यूलेशन के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। सही खानपान, नियमित व्यायाम और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करके एनोवुलेशन को ठीक किया जा सकता है।

 

- प्रिया मिश्रा 

प्रमुख खबरें

Hardik Pandya की 59 रन की तूफानी पारी से भारत 1-0 से आगे, कटक टी20 में अफ्रीका 74 पर ढेर

Pat Cummins की एशेज़ में वापसी तय, ऑस्ट्रेलिया एडिलेड टेस्ट से पहले मज़बूत स्थिति में

दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में स्थान, वैश्विक पहचान हुई और मजबूत

दिल्ली में खुली जलाने और तंदूर में कोयला उपयोग पर सख्त प्रतिबंध, AQI अब भी ‘poor’ श्रेणी में