बैलेंस एडवांटेज फंड क्या है? बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कैसे काम करता है? यह कितना लाभदायक होता है?

By कमलेश पांडेय | Dec 06, 2021

बैलेंस एडवांटेज फंड में निवेश के फायदे, जोखिम और रिटर्न को सभी को समझना चाहिए, ताकि समय रहते ही इसका लाभ उठाया जा सके। मौजूदा दौर में म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई स्कीम मौजूद हैं, जिनमें से एक बैलेंस्ड फंड्स है। इसकी इक्विटी और डेट दोनों में हिस्सेदारी होती है। बैलेंस्ड फंड्स क्या होते हैं? इनमें निवेश कितना फायदेमंद है? इसमें पैसा कितना सुरक्षित रहेगा? इसके बारे में जानना निवेशकों के लिए बहुत जरूरी है।


अमूमन बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स संयुक्त रूप से स्टॉक्स और बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। इसके तहत इक्विटी और डेट, दोनों में ही एक साथ निवेश की सुविधा मिलती है। इन पर टैक्स, नॉन-टैक्स सेविंग फंड के समान ही लगता है। इस फंड का मुख्य उद्देश्य निवेश में संतुलन बनाए रखना है। पोर्टफोलियो में विविधता के लिए यह एक अच्छा विकल्प है, जो लंबी अवधि में फायदेमंद साबित होता है।


बैलेंस एडवांटेज फंड डेट संसाधन में फिक्स्ड इनकम, सरकारी सिक्योरिटीज, सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों में निवेश करते हैं। जिससे संभावित रूप से पूंजी में बढ़त होती है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड फ्यूचर और ऑप्शन जैसे डेरिवेटिव का इस्तेमाल करते हैं ताकि अनहेज्ड इक्विटी एक्सपोजर को घटाया जा सके। 


बैलेंस एडवांटेज फंड पांच और सात सालों में भी बेहतर रिटर्न देते हैं। पांच साल में इस फंड ने औसतन 7.7 और सात साल में लगभग 11.3 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। इसलिए यदि आपको शेयर बाजार की जोखिम से बचना है और आपको औसत रिटर्न चाहिए तो म्यूचुअल फंड के बैलेंस एडवांटेज फंड को बेझिझक चुनें।


# म्यूचुअल फंड की बैलेंस एडवांटेज स्कीम डेट और इक्विटी में निवेश को रखती है बैलेंस 


बैलेंस एडवांटेज फंड के पोर्टफोलियो में मुख्य रूप से इक्विटीज में निवेश करते हैं। क्योंकि ये डेरिवेटिव का इस्तेमाल कर पोर्टफोलियो में नीचे की ओर के जोखिम को कम करते हैं। इस तरह के फंड का अलोकेशन लॉर्ज कैप में 87.6 पर्सेंट होता है। म्यूचुअल फंड की बैलेंस एडवांटेज स्कीम डेट और इक्विटी में निवेश को बैलेंस रखती है। जिससे ये फंड पांच और सात सालों में भी बेहतर रिटर्न देते हैं। दस सालों में तो यह 10 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न देते हैं।


यदि आप चाहते हैं कि आपके निवेश पर कम जोखिम हो और आपको औसत दर्जे का रिटर्न मिलता रहे तो आप म्यूचुअल फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बैफ) का रास्ता चुन सकते हैं। क्योंकि म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी आपके निवेश को बैलेंस रखती है। इसके लिए इक्विटी और डेट दोनों में आपके पैसे को निवेश करती है। 


# बैलेंस्ड फंड्स किनके लिए हैं?


बैलेंस्ड फंड मीडियम टर्म के लक्ष्यों के लिए बेहतर है। यह कम जोखिम के साथ बेहतर आय देने वाला है। इसमें इक्विटी की भी हिस्सेदारी है। यह लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर है। इससे वेल्थ क्रिएशन में मदद मिलेगी। ऐसे फंड्स उतार-चढ़ाव के दौरान भी स्थिरता बनाए रखते हैं।


# बैलेंस्ड फंड्स चार तरह के होते हैं?


बैलेंस्ड फंड्स चार प्रकारों में पहला डेट है। यह कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में विभक्त होता है। दूसरा प्रकार इक्विटी है। यह एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, डाइनैमिक असेट अलोकेशन और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में बंटा होता है। तीसरा प्रकार है मल्टी असेट अलोकेशन। इसमें अलग-अलग असेट क्लास में निवेश करते हैं। इसमें कैश, इक्विटी और बॉन्ड्स शामिल होते हैं। पोर्टफोलियो का ग्रुप, असेट अलोकेशन के लिए यह सही है। 


वहीं, चौथा प्रकार है आर्बिट्राज लिंक्ड फंड। यह आर्बिट्राज फंड और इक्विटी सेविंग्स में विभाजित होता है। जहां तक आर्बिट्राज फंड की बात है तो यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम की कैटेगरी में आता है, जिसमें फंड का 65 प्रतिशत हिस्सा ही शेयरों में लगाया जाता है। वहीं, बाजार में उतार-चढ़ाव में फंड का प्रदर्शन बेहतर रहता है। यह उन निवेशकों के लिए सही है, जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। वहीं, जहां तक इक्विटी सेविंग्स की बात है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड में नया वैरिएंट है। इक्विटी सेविंग्स का फिक्स्डस सिक्योरिटीज में निवेश होता है। आर्बिट्राज ट्रेड्स, इक्विटी से रिटर्न जनरेट करते हैं। इक्विटी सेविंग्स डेरिवेटिव स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करते हैं।


# बैलेंस्ड फंड्स में किन फंड्स का चुनाव सही होता है?


यदि आपका रुझान बैलेंस्ड फंड्स में निवेश करके लाभ उठाने का है तो मेरा सुझाव है कि डेट की तरफ झुकाव वाले फंड्स से दूर रहें। वहीं, यदि 5 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो ऐसे में एग्रेसिव फंड में निवेश आपके लिए बेहतर रहेगा। हर किसी के लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड भी एक अच्छा विकल्प है। वहीं, लघु अवधि के लिए निवेश करने की योजना है तो आर्बिट्राज फंड बेहतर हो सकता है।


# क्या पोर्टफोलियो में बैलेंस एडवांटेज फंड जरूरी है?


प्रायः विश्लेषक सलाह देते हैं कि यदि आप म्यूचुअल फंड के निवेशक हैं तो आपकी पोर्टफोलियो में बैलेंस एडवांटेज फंड जरूर होना चाहिए। क्योंकि इस तरह के फंड एक ओपन एंडेड फंड होते हैं जो इक्विटी में 30 से 80 पर्सेंट का निवेश करते हैं। यह बाजार के वैल्यूएशन पर निर्भर होता है। इस बेंचमार्क के निफ्टी-50 टीआरआई ने पिछले 10 सालों में यानी 15 अक्टूबर 2020 तक 7.7 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। हालांकि, इस कैटेगरी में कुछ फंड ऐसे भी हैं जिन्होंने इससे भी ज्यादा रिटर्न दिया है।


# बैलेंस एडवांटेज फंड एयूएम है 26,174 करोड़ रुपये


आंकड़े बताते हैं कि इस फंड में 26,174 करोड़ रुपए का असेट अंडर मैनेजमेंट रखनेवाला बड़ा फंड आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस एडवांटेज फंड ने दस सालों में 10.5 प्रतिशत कंपाउंडेड एन्यूअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) की दर से रिटर्न दिया है। दरअसल, 2006 में लांच यह फंड इस कैटेगरी में एक बड़ा फंड हाउस है जिसने बाजार के सभी साइकल के प्रदर्शन को देखा है।


# लॉर्ज कैप में होता है ज्यादा निवेश


लार्ज कैप एक विविधीकृत पोर्टफोलियो है जिसमें लॉर्ज ब्लूचिप कंपनियां और एएए रेटिंग वाली डेट सिक्योरिटीज होती हैं। इसका आशय यह है कि आपका जो निवेश है वह पूरी तरह से सुरक्षित और अच्छी कंपनियों में हो रहा है। दरअसल, इस तरह के फंड जो हैं वे इन हाउस प्राइस टु बुक मॉडल का पालन करते हैं। ऐसे फंड्स डायनॉमिकली तरीके से इक्विटी और डेट के बीच निवेश का प्रबंधन करते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि जब बाजार का वैल्यूएशन ज्यादा होगा तो आपका निवेश डेट में चला जाएगा। जब बाजार का वैल्यूएशन कम होगा तो आपका निवेश इक्विटी में चला जाएगा।


# मुख्य रूप से इक्विटीज में निवेश करते हैं बैलेंस एडवांटेज फंड 


ऐसे फंड के पोर्टफोलियो की बात करें तो यह मुख्य रूप से इक्विटीज में निवेश करते हैं। ये डेरिवेटिव का इस्तेमाल कर पोर्टफोलियो नीचे की ओर के जोखिम को कम करते हैं। इस तरह के फंड का अलोकेशन लॉर्ज कैप में 87.6 पर्सेंट, मिड कैप में 10.9 पर्सेंट और स्माल कैप में 1.5 पर्सेंट होता है। 30 सितंबर तक इसका इक्विटी में शुद्ध एक्सपोजर 62 पर्सेंट रहा है। यह स्कीम फार्मा, पावर, टेलीकॉम और कंज्यूमर ड्यूरेबल में ओवरवेट है, क्योंकि यह सभी काफी आकर्षक वैल्यूएशन पर हैं।


# बैलेंस एडवांटेज फंड में कम से कम 5 सालों तक करना चाहिए निवेश


विश्लेषक कहते हैं कि इस तरह के फंड में कम से कम 5 सालों के निवेश का नजरिया रखना चाहिए। बैलेंस एडवांटेज फंड डेट संसाधन में फिक्स्ड इनकम, सरकारी सिक्योरिटीज, सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों में निवेश करते हैं। इससे संभावित रूप से पूंजी में बढ़त होती है। ये फंड 5 और सात सालों में भी बेहतर रिटर्न देते हैं। पांच साल में इस फंड ने 7.7 और सात साल में 11.3 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।


# क्या कम जोखिम में ज्यादा लाभ दिला सकता है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड?


आजकल ज्यादातर निवेश सलाहकार बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि शेयर मार्केट में जब भी कोई बड़ा उछाल आता है तो इसके तुरन्त बाद यहां करेक्शन की बातें होने लगती हैं। इसलिए ऐसे ही अस्थिर दौर में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश को लेकर चर्चा तेज हो जाती है। इसको डायनेमिक इक्विटी एसेट एलोकेशन फंड भी कहा जाता है। सवाल है कि क्या यह निवेशकों को कम जोखिम में हाई रिटर्न दे सकता है।


# ऐसे काम करता है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड


बैलेंस्ड एडवांटेज फंड एक तरह का हाइब्रिड म्यूचुअल फंड होता है, जो डेट और इक्विटी स्कीम दोनों में निवेश कर सकता है। इस फंड की कोशिश रहती है कि वह 65 फीसदी इक्विटी एक्सपोजर को मेंटेन रखे। इन पर इक्विटी फंड्स के तौर पर टैक्स देनदारी होती है, जो 15 फीसदी होती है। अगर आप इस फंड को एक साल के भीतर भुनाते हैं तो आपको 15 फीसदी का कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है। वहीं, एक लाख रुपये से ज्यादा के कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी टैक्स लगता है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड स्टॉक सेलेक्शन और एसेट एलोकेशन के जरिये निवेशकों के लिए रिटर्न पैदा करते हैं। अक्सर सही समय पर फंड मैनेजर इक्विटी और डेट के बीच निवेश शिफ्ट करते रहते हैं। इससे निवेशक का जोखिम कम हो जाता है।


# कितना कारगर है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करना


बैलेंस्ड एडवांटेज फंड इक्विटी और फिक्स्ड इनकम (बॉन्ड) के बीच आवंटन को घटाते बढ़ाते रहते हैं। जब बाजार में शेयरों की कीमत जरूरत से ज्यादा होती है, तो ये फंड बॉन्ड में अधिक पैसा लगाते हैं। वहीं, जब भाव लुढ़क जाते हैं तो ये बॉन्ड से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश करते हैं। इन स्कीमों के पोर्टफोलियो में इक्विटी वाला हिस्सा आमतौर पर 30 फीसदी से 80 फीसदी के बीच होता है। कुछ फंड इस सीमा से भी ज्यादा पैसा इक्विटी यानी शेयरों में लगाते हैं।


वहीं, मार्केट में कुछ अच्छे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड मौजूद हैं, जैसे आदित्य बिड़ला सनलाइफ एडवांटेज फंड, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, इन्वेस्को इंडिया डायनामिक फंड, एचडीएफसी बैलेंस्ड  फण्ड आदि। ये कुछ ऐसे फंड हैं जिनमें वित्तीय सलाहकार से सलाह के बाद निवेश किया जा सकता है। 


वहीं, जोखिम न लेने वाले निवेशकों को ये पसंद आ सकते हैं, लेकिन बंपर रिटर्न की उम्मीद रखने वालों को यह निराश कर सकता है। कुछ वित्तीय सलाहकार हाइब्रिड इक्विटी फंड या शुद्ध बैलेंस्ड फंड में निवेश की राय देते हैं। इस तरह की स्कीमों में एसेट आवंटन सीमित दायरे में तय होता है। इनकी सब-कैटेगरी में एग्रेसिव, बैलेंस्ड और कनजर्वेटिव शामिल हैं।


# बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्याल


इस वर्ष अगस्त में लॉन्च हुए एसबीआई बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के एनएफओ में रिकॉर्ड निवेश के बाद से बैलेंस्ड फंड की ओर निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड या डायनामिक एसेट एलोकेसन फंड काफी समय से निवेशकों के लिए पसंदीदा फंड रहा है। एसबीआई बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के एनएफओ में उस दौरान 14,551 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। एसबीआई की यह स्कीम एक हाइब्रिड स्कीम थी, जिसमें निवेश किया गया पैसा डेट और इक्विटी दोनों में ही लगाया जाता है। बता दें कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में काफी कम जोखिम होता है।


# लगातार निवेश में हो रही है बढ़ोतरी


एएमएफआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कैटेगरी में कुल 24 स्कीम चल रही हैं और मौजूदा समय में फोलियो की संख्या 34 लाख के आस-पास है। इसके अलावा, इस कैटेगरी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम करीब 1.41 लाख करोड़ है। बता दें कि जनवरी 2021 के बाद से बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में हर महीने निवेश में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही वजह है कि कैलेंडर वर्ष 2021 में 12,949 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश इस कैटेगरी में आया है। ऐसा इसलिए कि यह इक्विटी और डेट का एक मिश्रण है, जिसमें निवेश गतिशील होता है।


# मार्केट के उतार-चढ़ाव के आधार पर करते हैं निवेश


फंड मैनेजर बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश की गई रकम का इस्तेमाल इक्विटी में 70 से 80 फीसदी तक निवेश करते हैं। वहीं दूसरी ओर डेट में भी यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक जा सकता है। यही वजह है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड निवेश के लिए दूसरे फंड के मुकाबले काफी आकर्षक है। 


बता दें कि शेयर बाजार में होने वाले उठापटक को देखते हुए फंड मैनेजर इक्विटी या फिर डेट में निवेश करते हैं। इस फंड को एक साल के अंदर भुनाने पर 15 फीसदी का कैपिटल गेन्स टैक्स देना पड़ता है। वहीं, 1 लाख रुपये से ज्यादा के कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। वहीं, मार्केट में म्यूचुअल फंड हाउस की ओर से काफी स्कीम उपलब्ध हैं। निवेशकों को इनके बीच सही स्कीम का चुनाव करने के लिए काफी दुविधा रहती है। अलग-अलग कैटेगरी में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के ढेर सारे फंड्स की मौजूदगी से निवेशक के लिए फैसला लेना काफी मुश्किल हो जाता है।


जानकारों का कहना है कि अगर आप नए निवेशक हैं तो आपके लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। इसमें निवेश से आप शेयर बाजार के जोखिम से बच सकते हैं। हालांकि इस कैटेगरी के फंड में निवेश करने से पहले निवेशकों को अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। बता दें कि म्यूचुअल फंड में निवेश के जरिए लॉन्ग टर्म में अच्छा पैसा बनाया जा सकता है। मार्केट के जानकार भी म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश की सलाह देते हैं। वो मानते हैं कि एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके लंबी अवधि में अच्छा खासा फंड इकट्ठा किया जा सकता है।


- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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