स्वस्थ और खुशहाल शिशु चाहते हैं? जानिए बीज संस्कार का प्राचीन रहस्य।

By दिव्यांशी भदौरिया | Nov 12, 2025

बीज संस्कार एक प्रकार से प्रचीन सिद्धांत है, जो कपल्स को गर्भधारण के लिए भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक रुप से तैयार करने पर जोर देता है। बीज संस्कार का उद्देश्य सिर्फ शारीरिक तैयारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक संतुलन पर भी ध्यान देता है। इस प्रक्रिया में आहार, जीवनशैली, ध्यान, योग और सकारात्मक सोच जैसे तत्वों को शामिल किया जाता है ताकि माता-पिता के विचार, भावनाएं और शरीर पूरी तरह शुद्ध और संगत बन सकें। ऐसा माना जाता है कि जब गर्भाधारण के समय दोनों की मानसिक और शारीरिक अवस्था संतुलित होती है, तो उससे जन्म लेने वाला बच्चा भी स्वस्थ होता है।

मॉर्डन कॉन्सेप्ट में बताएं, तो बीज संस्कार गर्भधारण से पहले की एक पद्धति की तरह है, जिसका काम पोषण, जागरुकता और मानसिक तालमेल को बेहतर बनाना है। यह प्रकार से जागरुक गर्भाधारण पर केंद्रित है, जहां पर माता-पिता अपनी डाइट, लाइफस्टाइल, मानसिक स्थिति और संतान प्राप्ति के लिए खुद की तैयारी के लिए जादगरुक करना। हालांकि, यह कोई मेडिकल प्रोटोकॉल नहीं है। आजकल बीज संस्कार प्राकृतिक गर्भधारण के लिए एक कई वर्कशॉप होते हैं, जिन्हें आपको ज्वॉइन कर सकती हैं। ऐसे ही प्रेगाटिप्स गुरप्रीत कौर सान्याल एक लाइव वर्कशॉप का आयोजन कर रही है। केवल 120 मिनट की यह वर्कशॉप आपको नई जिंदगी के स्वागत के लिए गर्भाधारण की किसी भी स्टेज में अपने शरीर को शुद्ध, संतुलित और तैयार करने के लिए गाइड करेगी।

यह तीन प्रमुख चीजों पर ध्यान देता है

इस बीज संस्कार के वर्कशॉप में शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और आध्यात्मिकता तत्परता। इस दौरान कपल्स को खुद की देखभाल करने, पर्याप्त आराम करने, पौष्टिक आहार लेने, तनाव कम करने और एक-दूसरे के साथ प्रेमपूर्ण संबंध बनाएं रखने में मोटिवेट करता है।

बीज संस्कार क्या है?

मॉडर्न नजरिए से देखा जाए तो बीज संस्कार आज के प्री-कंसेप्शन केयर की अवधारणा से मेल खाता है। इसमें गर्भधारण से पहले संतुलित आहार लेना, हानिकारक पदार्थों से दूरी बनाना, तनाव नियंत्रण और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना शामिल है। ये सभी आदतें एक स्वस्थ प्रजनन प्रणाली और सुखद गर्भावस्था के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती हैं। बीज संस्कार हमें यह याद दिलाता है कि मातृत्व और पितृत्व की शुरुआत बच्चे के जन्म से नहीं, बल्कि गर्भाधान से पहले ही होती है। यह दोनों साझेदारों को शारीरिक ऊर्जा, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक जागरूकता के साथ सजग होकर नई जिंदगी का स्वागत करने के लिए प्रेरित करता है।

प्रमुख खबरें

Reliance Money Laundering Case | ईडी ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह मामले में यस बैंक के राणा कपूर से पूछताछ की

प्रियंका गांधी से क्यों मिलने पहुंच गए प्रशांत किशोर? दिल्ली में 2 घंटे तक गुपचुप मुलाकात के क्या है मायने?

Dhurandhar Worldwide Box Office Collection | रणवीर सिंह की धुरंधर ने रचा इतिहात, फिल्म ने दुनिया भर में 530 करोड़ कमाए

मार्केटिंग घोटाला: Shreyas Talpade और Alok Nath को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई अंतरिम रोक