ताइक्वांडो क्या है? जानें ओलंपिक में इसकी उत्पति, नियम और इतिहास

By Kusum | Mar 07, 2024

ताइक्वांडो 206 देशों में प्रचलित एक पारंपरिक कोरियाई मार्शल आर्ट है। जिसमें शारीरिक रूप से लड़ने की कला से कहीं ज्यादा सीखने को मिलता है। ताइक्वांडो एक कोरियाई शब्द है जो तीन शब्दों से मिलकर बना है। Tae-Kwon-do जहां Tae का अर्ध पैर से होता है। Kwon का अर्थ मुक्का मारना या लड़ाई से है वहीं Do का अर्थ तरीका या अनुशासन से है। 


ताइक्वांडो में प्रतिद्वंद्वी को मात देने के लिए हाथों और पैरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस खेल की खास पहचान इसके किक मूवमेंट का तालमेल है। 


ताइक्वांडो का अविष्कार

बता दें कि, ताइक्वांडो की उत्पत्ति कोरिया के थ्री-किंगडम युग में हुई। जब शिल्ला राजवंश के योद्धाओं, ह्वारंग ने एक मार्शल आर्ट विकसित करना शुरू किया जिसका नाम ताइक्योन (पैर-हाथ) था। 


20वीं सदी की शुरुआत में, ताइक्वांडो कोरिया में प्रचलित मार्शल आर्ट का प्रमुख रूप बन गया। इसके बाद, ताइक्वांडो को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने के लिए कोरियाई राष्ट्रीय मार्शल आर्ट के रूप में नामित किया गया था। साल 1973 में, वर्ल्ड ताइक्वांडो फेडरेशन की स्थापना हुई जो इस खेल के लिए विश्व स्तर वैध शासी निकाय के रूप में उभरकर सामने आया। इसी साल कोरिया की राजधानी सियोल में ताइक्वांडो की पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। 


ताइक्वांडो के नियम

  • विश्व ताइक्वांडो के नियमों के मुताबिक ताइक्वांडो मैच शुरू होने से पहले खिलाड़ी खड़े होकर रेफरी का अभिवादन करते हैं और फिर इसमें अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ी का भी अभिवादन करना शामिल होता है। 
  • सभी मैच में दो-दो मिटन के तीन राउंड होते हैं और हर राउंड के बीच एक मिनट का ब्रेक होता है। 
  • प्रत्येक प्रतियोगी का उद्देश्य अपने प्रतिद्वंद्वी के धड़ या सिर पर घूंसे और लात मारकर अंक हासिल करना या नॉकआउट से जीत हासिल करना होता है। 
  • घूंसा, सीधे पंचिंग तकनीक के माध्यम से एक कसकर बंधी हुई मुट्ठी के अगले भाग का इस्तेमाल कर मारा जाना चाहिए। 
  • किक को तभी मान्य माना जाता है जब वे टखने की हड्डी के नीचे पैर के किसी भी हिस्से के इस्तेमाल से मारी जाती है। 
  • एक वैध स्कोर का निर्धारण मुख्य रूप से सिर या ट्रंक प्रोटेक्टर में लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक स्कोरिंग सिस्टम के माध्यम से किया जता है, जिसे प्रोटेक्टर एंड स्कोरिंग सिस्टम के रूप में जाना जाता है। 
  • मुक्का मारने की तकनीक के लिए दिए गए अंक और टर्निंग किक के लिए दिए गए अतिरिक्त अंक जजों द्वारा मैन्युअल स्कोरिंग उपकरणों का इस्तेमाल करके दिए जाते हैं। 

ताइक्वांडो और ओलंपिक

 ताइक्वांडो ने 1988 के सियोल खेलों में एक एजीबिशन ओलंपिक खेल के रूप में अपनी शुरुआत की। जिसके बाद 2000 के सिडनी खेलों में एक आधिकारिक मेडल खेल के तौर पर ओलंपिक में शामिल हुआ। 


बता दें कि, ताइक्वांडो में कई शैलियां हैं। वर्ल्ड ताइक्वांडो कुक्कीवोन-पारिभाषित शैली की निगरानी करता है जिसे आमतौर पर ओलंपिक ताइक्वांडो कहा जाता है। ओलंपिक ताइक्वांडो में ताइक्वांडो के कुल तकनीकों में से काफी कम तकनीकों के इस्तेमाल की इजाजत होती है। 


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