By अभिनय आकाश | Dec 24, 2025
उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में खुलेआम भारत विरोधी सेंटीमेंट्स को भड़काया जा रहा है। ढाका, चटगांव, राजशाही और मेमन सिंह जैसे तमाम शहरों में खुलेआम भारत के खिलाफ जंग की कसमें खाई जा रही है। उसी बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के परखच्चे उड़ाने वाला नया खुलासा अब सामने आया है। दरअसल यह कट्टरपंथी भारत का नाम भी अब मुंह से निकालने से पहले हादी के भाई उमर के बयान ने यूनुस के पैरों तले जमीन खिसका दी है। यूनुस का नकाब पूरी तरह से अब उतर चुका है। हादी के भाई उमर ने साफ शब्दों में कह दिया है कि हादी की मौत के पीछे भारत का नाम एक षड्यंत्र का हिस्सा है। पूरा कराया किया यूनुस का है।
बांग्लादेश में इकबाल मंच के प्रवक्ता और छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर बवाल अब भी जारी है। सवाल अब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर उठ चुका है। उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस को ही हत्या का आरोपी बताते हुए कहा कि सरकार के लोगों ने आगामी राष्ट्रीय चुनाव को पटरी से उतारने के लिए हत्या की साजिश रची थी। उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने कहा कि यूनुस ने उस्मान हादी को मार डाला है और अब आप इसे एक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करके चुनाव को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।
उमर ने बताया कि उनके भाई चाहते थे कि राष्ट्रीय चुनाव फरवरी तक हो जाए और अपने भाई की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने अधिकारियों से चुनाव के माहौल को खराब ना करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हत्यारों पर जल्द से जल्द मुकदमा नहीं चलाया और उन्हें नहीं पकड़ा गया तो माहौल और भी ज्यादा खराब होगा। सरकार हमारे सामने कोई ठोस पेश सबूत नहीं कर रही है और पूरी तरह से नाकाम रही है। अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला तो एक दिन बांग्लादेश से यूनुस को भागना पड़ेगा।
32 वर्षीय युवा नेता हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी। गुरुवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में अशांति और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हादी को शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय की मस्जिद के पास, राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया। उनका अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यूनुस सरकार ने हादी की याद में एक दिन का शोक घोषित किया।