नेशनल गेम्स की कब हुई थी शुरुआत, क्या है इतिहास, क्यों कहा जाता है इसे भारत का घरेलू ओलंपिक

By अंकित सिंह | Sep 29, 2022

गुजरात में आज से 36वें नेशनल गेम्स का आयोजन हो रहा है। इसे गुजरात 2022 भी कहा जा रहा है। 29 सितंबर से शुरू होकर यह 22 अक्टूबर 2022 तक चलेगा। जानकारी के मुताबिक 36 खेलों के करीब 7000 एथलीट इस बार इसमें हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन भी करेंगे। यह पहला मौका है जब गुजरात नेशनल गेम्स की मेजबानी कर रहा है। भारत के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की टीम इसमें हिस्सा ले रही हैं। साथ ही साथ भारतीय सेना की टीम भी इसमें हिस्सा लेगी। खेलों का आयोजन अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में होगा। इसमें एथलेटिक्स, फील्ड हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, लॉन टेनिस, टेबल टेनिस जैसे खेलों को शामिल किया गया है। इसके अलावा कबड्डी खो-खो जैसे हमारे पारंपरिक खेल भी इस बार इसमें शामिल है। 

 

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कब हुई थी शुरुआत

बताया जाता है कि भारतीयों को खेलों में बढ़ावा देने के लिए प्रमुख व्यवसाय दोराबजी टाटा ने राष्ट्रीय स्तर पर एक संस्था के गठन का सुझाव दिया था। भारत के खिलाड़ियों को यह संस्था ओलंपिक खेलों में शामिल होने के लिए तैयार करती। इसी दौरान भारतीय राष्ट्रीय खेल का आयोजन का सुझाव आया। इसे ओलंपिक के तर्ज पर आयोजित किया गया। पहला आयोजन लाहौर में 1924 में हुआ था। उस दौरान इसे अखिल भारतीय ओलंपिक खेल कहा जाता था। पहले इसे हर 2 साल पर आयोजित किया जा रहा था। 1927 में अखिल भारतीय ओलंपिक समिति को भारतीय ओलंपिक संघ में बदल किया गया। 1935 में इलाहाबाद में इसका आयोजन कराया गया। इसके बाद भी इसका आयोजन 2 साल के अंतराल पर ही होता रहा। 1932 में मद्रास, 1934 में नई दिल्ली, 1936 में फिर से लाहौर और 1938 में कोलकाता में इसका आयोजन हुआ। 

 

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1940 से इसका नाम राष्ट्रीय खेल कर दिया गया। 1940 तक यह इंडियन ओलंपिक गेम्स के तौर पर ही जाना गया। यही कारण है कि इसे आज ही भारतीय ओलंपिक खेल के तौर पर ही देखा जाता है। 1940 में नेशनल गेम्स के तौर पर इसकी मेजबानी मुंबई को सौंपी गई थी। विभिन्न समय में विभिन्न अंतराल के हिसाब से इस खेल का आयोजन कराता जाया गया। 1970 में 25 वें संस्करण तक हर 2 वर्ष के अंतराल पर होता रहा। 1979 में 9 साल के अंतराल के बाद इसका आयोजन हैदराबाद में हुआ। 

 

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नया नेशनल गेम्स

यह बात भी सच है कि भले ही इसका आयोजन लगातार होता रहा। लेकिन नेशनल गेम्स धीरे-धीरे अपने चमक होते जा रही थी। इस को फिर से जीवंत करने के लिए कई बड़े प्रयास किए गए और इसी प्रयास के तहत 1985 में काफी बड़े स्तर पर नई दिल्ली में नेशनल गेम्स का आयोजन किया गया। इसमें महाराष्ट्र ने बाजी मारी थी। 1987 में केरला में, 1994 में महाराष्ट्र में, 1997 में कर्नाटक में, 1999 में मणिपुर में नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ। 2001 में पंजाब ने इसकी मेजबानी की थी जबकि 2002 में आंध्र प्रदेश को मेजबानी सौंपी गई थी। 2007 में असम में यह मेजबानी दी गई थी। 2011 में झारखंड और 2015 में केरल में यह खेला गया था। 2020 में कोरोना महामारी की वजह से इसे निरस्त करना पड़ा था। 2022 में एक बार फिर से नए रंग रूप में यह गुजरात में खेला जा रहा है। 

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