By अभिनय आकाश | Apr 12, 2022
दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल। संगमरमर से बनी इस इमारत को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज के लिए बनवाया था। लेकिन आज आपको एक ऐसी कहानी बताएंगे जब एक राजनेता ने अपनी पत्नी के घर जाने में देरी होने की वजह से पुल का निर्माण करवा दिया। पाकिस्तान इन दिनों खूब चर्चा में वजह साफ है राजनीतिक उथल-पुथल जो मची है। पाकिस्तान में इमरान खान को अपनी गद्दी की कुर्बानी देनी पड़ेगी और पीएम पद छोड़ना पड़ा। जिसके बाद पीएम एनएल नवाज के प्रमुख और नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में गद्दी संभाली। शहबाज शरीफ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी खूब चर्चा में रहे हैं। शहबाज की शादी पत्नी और परिवार को लेकर कई तरह की कहानियां बताई जाती रही हैं। शहबाज ने 5 शादियां की हैं। कहा जाता है कि लाहौर में तो उन्होंने एक पुल इसलिए बनवाया ताकि उन्हें दूसरी पत्नी के घर जाने में दिक्कत ना हो। यह कहानी इतनी मशहूर हुई कि इस पुल को आज भी लाहौर में हनी ब्रिज के नाम से जाना जाता है।
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की 1,2,3, नहीं बल्कि 5 शादियां हुई हैं। जिसमें सेकुछ शादियां गुप्त भी थी। शहबाज की पहली शादी उनकी कजिन बेगम नुसरत से हुई थी। शहबाज और नुसरत का निकाह साल 1973 में हुआ था। इन दोनों के 5 बच्चे हैं। नुसरत की 1993 में मृत्यु हो गई जिसके बाद शहबाज ने दूसरी शादी कर ली थी। यह शादी सबसे ज्यादा चर्चा में रही थी। शहबाज की दूसरी पत्नी का नाम नरगिस खोसा बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब में आलिया हनी से गुपचुप शादी की थी। हालांकि जब शादी का खुलासा हुआ तो शाहबाज शरीफ ने आलिया को तलाक दे दिया था। घुड़सवार पुल जिसे हनी ब्रिज भी कहा जाता है उसे शहबाज ने अपनी तीसरी गुपचुप शादी वाली पत्नी आलिया के लिए ही बनवाया था। माना जाता है कि ट्रैफिक से बचने के लिए शहबाज ने इसे आलिया के घर तक के लिए बनवाया था। यह कहानी इतनी मशहूर हुई कि स्कूल को आज भी लाहौर में हनी ब्रिज के नाम से जाना जाता है।
शहबाज शरीफ तीन भाई हैं। नवाज शरीफ सबसे बड़े और हैं और तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। शहबाज शरीफ दूसरे नंबर पर आते हैं। सबसे छोटे भाई अब्बास शरीफ हैं जो 1993 से 1997 तक नेशनल असेंबली के सदस्य रह चुके हैं। लेकिन 2013 में कॉर्डिक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हो गई। वह राजनीति में बाकी दोनों भाइयों जितना सक्रिय भी नहीं थे प्रणाम उनका ज्यादा जोर फैमिली बिजनेस संभालने पर था।