By निधि अविनाश | Jan 05, 2021
अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर और चीन के बिलेनियर जैक मा पिछले दो महीने से लापता है। बता दें कि इनका सोशल मिडिया अकाउंट बिल्कुल इनेक्टिव है। जैक आने वाले समय में कई पब्लिक अपीयरेंस करने वाले थे लेकिन वो भी अब नहीं कर रहे है। खबरों के अनुसार, चीन की सरकार ने जैक मा की कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की है। चाइनीज बिजनेस टायकुन और निवेशक जैक मा हमेशा से ही चीनी सरकार की आलोचना करते आए है। मा ने चीन के ट्रेडिशनल बैंकिग सिस्टम की काफी निंदा की थी। जैक मा अक्टूबर 24, 2020 को एक स्पीच के दौरान चीनी सरकार की मानसिकता को 'PAWNSHOP' मानसिकता और चीनी सरकार द्वारा लगाई गई बैंकिग के ऊपर लगे रेगुलेशन को जैक ने OLD'S PEOPLE CLUB करार दिया था। चीनी सरकार पर की गई आलोचना जैक मा को काफी भारी पड़ गई है। जानकारी के मुताबिक, चीन का और दुनिया का सबसे बड़ा IPO एन्ट IPO आने वाला था और यह तय था कि जब यह लॉन्च होगा तो इसकी काफी बड़ी लिस्टिंग होगी लेकिन जैक मा द्वारा 24 अक्टूबर की स्पीच के बाद एन्ट ग्रुप का IPO भी निलबिंत कर दिया गया है।
चीनी सरकार के खिलाफ बोलना पड़ा भारी
बता दें कि चीन सरकार की आलोचना करना लोगों के लिए काफी दिकक्त पैदा कर देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश के बाद ही एन्ट ग्रुप के IPO की लिस्टिंग को निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि एन्ट ग्रुप काफी फिनटेक सेक्टर से लेना देना रखता है। फिनटेक फाइनेंस टेक्नोलॉजी सेक्टर होती है जिसमें फाइंनेस को टेक्नोलॉजी से मेल कर सकते है। 24 दिसंबर ने जैक मा की कंपनी अलीबाबा को टारेगेट किया था और एंटी मॉनोपॉली जांच शुरू की। इस जांच के बाद से अलीबाबा के शेयर में भी काफी गिरावट आई थी। फिर 28 दिसंबर को चीनी सरकार ने जैक मा की कंपनी को फिनटेक एंपायर को कम करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से जैक मा न ही सार्वजनिक और न ही टीवी शो में नजर आ रहे है। ये कहा जा सकता है कि शायद चीन की सरकार ने जैक मा को गायब या हिरासत में ले लिया है। वहीं अगर जैक मा के ट्विटर अकाउंट को देखा जाए तो उनका लास्ट ट्वीट अक्टूबर 10 का है जिसके बाद से उन्होंने किसी भी चीज को लेकर अपनी राय व्य्क्त नहीं की है। दूसरी चीज जैक मा द्व्रारा चलाए जा रहे एक टीवी शो में हमेशा उपस्थित रहे जैक मा फाइनल में नहीं पहुंचे। यह पहली बार नहीं है कि चीन की सरकार ने ऐसा शिंकजा कसा हो, उनके विरोध में बोले गए शब्द कई लोगों पर भारी पड़ चुके है। हाल ही में रियल इस्टेट टायकुन ने कोरोना महामारी के समय चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की काफी आलोचना की थी जिसके बाद सरकार ने उन्हें 18 साल की जेल की सजा सुना दी है।