भारत ने क्यों रखा ऑपरेशन सिंदूर नाम? अमेरिका में पूछा गया सवाल, शशि थरूर के जवाब ने जीता दिल

By अभिनय आकाश | Jun 05, 2025

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को "शानदार ढंग से चुना गया नाम" और आतंकवाद के खिलाफ एक शक्तिशाली प्रतिक्रिया बताया। बुधवार को नेशनल प्रेस क्लब को संबोधित करते हुए थरूर ने ऑपरेशन के नाम को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के दौरान हिंदू महिलाओं द्वारा लगाए जाने वाले पारंपरिक विवाह चिन्ह सिंदूर को प्रतीकात्मक रूप से मिटाने से जोड़ा।

इसे भी पढ़ें: अमेरिका में जब राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर पूछा गया सवाल? शशि थरूर पहले मुस्कुराए, फिर दिया तगड़ा जवाब

सिंदूर का बदला खून से लिया

थरूर ने कहा कि पहलगाम हमले में 26 भारतीय महिलाएं विधवा हो गईं और ऑपरेशन सिंदूर नाम के चयन को सांस्कृतिक रूप से प्रेरक और भावनात्मक रूप से गूंजने वाला बताया। उन्होंने कहा, "सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं के माथे पर लगाया जाने वाला सिंदूर का निशान है। इन आतंकवादियों ने इसे मिटा दिया। इसका रंग खून से बहुत अलग नहीं है। तो हां, यह सिंदूर का बदला खून था।" उन्होंने बताया कि कैसे आतंकवादियों ने जानबूझकर मारे गए लोगों की पत्नियों को छोड़ दिया ताकि वे "वापस जाकर दूसरों को बता सकें कि क्या हुआ था," जिससे यह कृत्य और भी खौफनाक हो गया।

इसे भी पढ़ें: सुंदर पिचाई, काश पटेल, सत्य नाडेला...भारतवंशियों का नाम लेकर तेजस्वी सूर्या ने पाकिस्तान को कैसे दिखाया आईना

ट्रंप के दावे को फिर किया खारिज

थरूर ने कहा कि मैं बस इतना कह सकता हूं कि हम अमेरिका के राष्ट्रपति के पद और अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहना चाहा। उन्होंने नेशनल प्रेस क्लब में कहा कि भारत को पाकिस्तानियों को उन्हीं की में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब तक वे आतंकवाद की का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: All Party Delegations का कूटनीतिक अभियान अब अंतिम पड़ाव पर, Washington DC में Tharoor Vs Bilawal मुकाबले पर सबकी नजर

विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी. हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और फिर यह गुयाना, पनामा, कोलंबिया एवं ब्राजील की यात्रा करके वॉशिंगटन आया। 

प्रमुख खबरें

Quinton de Kock का विराट रिकॉर्ड, सचिन-रोहित के क्लब में शामिल, भारत के खिलाफ जड़ा 7वां शतक

Yes Milord: राष्ट्रीय शर्म की बात है...16 साल से पेंडिंग एसिड अटैक केस पर SC ने किसे सुनाया

क्या राष्ट्रपति भवन अब पक्षपात का अखाड़ा? पुतिन के भोज से विपक्षी नेताओं को दरकिनार करने पर भड़के कांग्रेस सांसद

सुप्रीम कोर्ट ने AI पर नियंत्रण की मांग ठुकराई, कहा- हम तकनीक के खतरों से वाकिफ, इंसानी जज ही लेंगे अंतिम निर्णय!