By अंकित सिंह | Nov 03, 2025
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) दोनों ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं। पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों जीतन राम मांझी, चिराग पासवान तथा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में एनडीए ने अपना विस्तृत घोषणापत्र प्रस्तुत किया। एनडीए के घोषणापत्र में एक करोड़ रोजगार, महिलाओं के सशक्तिकरण, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे में निवेश पर ज़ोर दिया गया है। घोषणापत्र में हर जिले में मेगा स्किल सेंटर, औद्योगिक पार्क, महिला उद्यमिता मिशन, खेती के लिए एमएसपी की गारंटी, और सात नए एक्सप्रेसवे जैसी योजनाओं की घोषणा की गई है। इसके साथ ही गरीबों के लिए 50 लाख नए घर, 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुफ्त राशन और बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य ढांचा का वादा किया गया है।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि राजग के घोषणा पत्र के प्रमुख प्रावधानों में पिछड़े वर्गों के लिए विशेष आर्थिक सहायता का भी उल्लेख है। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) को सरकार 10 लाख रुपये की सहायता देगी और उनके हितों के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किया जाएगा। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र के लिए राजग ने ‘कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि’ शुरू करने की घोषणा की है, जिसे केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से लागू किया जाएगा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जाएगी और कृषि अवसंरचना में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। घोषणापत्र में कहा गया है कि बाढ़ प्रभावित उत्तर बिहार को अगले पांच वर्षों में पूरी तरह इस समस्या से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। शहरी विकास के तहत चार और शहरों में मेट्रो रेल सेवा शुरू करने की घोषणा भी की गई है। राजधानी क्षेत्र में “न्यू पटना” नामक एक हरित (ग्रीनफील्ड) परियोजना विकसित की जाएगी। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीतामढ़ी के पुनौरा धाम जानकी मंदिर को “सीतापुरम” के रूप में विकसित किया जाएगा। घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि बिहार से विदेशी उड़ानें शुरू की जाएंगी और कई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। साथ ही, राज्य में 10 नए औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे और प्रत्येक जिले में फैक्टरी एवं विनिर्माण इकाइयां शुरू की जाएंगी।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि बिहार की राजनीति में राहुल गांधी ने एक बार फिर वही गलती दोहरा दी है जो वह पहले भी कर चुके हैं। यह गलती है जनता की आस्था को ‘ड्रामा’ बताने की गलती। हैरानी की बात यह है कि राहुल गांधी की इस प्रकार की हर गलती का बड़ा खामियाजा कांग्रेस को हर बार भुगतना पड़ता है लेकिन राहुल फिर भी नहीं सबक लेते। छठ पूजा, पर राहुल गांधी का तंज न केवल राजनीतिक भूल थी, बल्कि चुनावी मायने में आत्मघाती भी थी। दिल्ली के यमुना तट पर छठ आयोजन का हवाला देते हुए जब राहुल ने कहा कि “प्रधानमंत्री छठ पूजा के बहाने ड्रामा करते हैं,” तो यह तीर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर नहीं, बल्कि उन करोड़ों माताओं-बहनों के दिल पर लगा, जो साल दर साल निर्जला व्रत रखकर सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा करती हैं। राहुल गांधी का यह बयान भाजपा के लिए जैसे राजनीतिक वरदान बन गया। मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी को मुद्दा बनाते हुए महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला। मोदी ने कहा, “जब आपका बेटा छठी मैया की जय-जयकार दुनिया में करा रहा है, तब ये कांग्रेस और आरजेडी वाले उसी छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। क्या बिहार की माताएं-बहनें इसे बर्दाश्त करेंगी?''
दरभंगा की सभा में अमित शाह ने महागठबंधन को “ठगबंधन” बताते हुए कहा कि “लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री और सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं, लेकिन दोनों पद रिक्त नहीं हैं।” उन्होंने मिथिला की बेटी सीता का स्मरण करते हुए कहा कि “राजग ने मिथिला की अस्मिता को सम्मान दिया— मैथिली को आधिकारिक भाषा का दर्जा और पुनौराधाम में माता सीता मंदिर का निर्माण इसका प्रमाण है।” शाह ने अनुच्छेद 370, आतंकवाद और पीएफआई पर राजद-कांग्रेस की “ढिलाई” को निशाना बनाते हुए कहा कि “राजग किसी भी कीमत पर देशविरोधी ताकतों को बाहर नहीं आने देगा।"
वहीं दरभंगा की ही एक रैली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “बिहार के एक पूर्व मुख्यमंत्री का पूरा परिवार भ्रष्टाचार में डूबा है। मुद्दा साफ है— बिहार को विकास चाहिए या जंगलराज?” उन्होंने कहा कि “संप्रग ने बिहार को 10 साल में दो लाख करोड़ दिए, जबकि मोदी सरकार ने 11 साल में 15 लाख करोड़।” राजनाथ ने नीतीश कुमार की ईमानदारी को “बिहार का सबसे बड़ा पूंजी” बताते हुए कहा कि ''इतने ईमानदार व्यक्ति पर उंगली उठाना बिहार की जनता का अपमान है।''