Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन के लिए नहीं चुनी गई कोई महिला? ISRO ने बताई ये वजह

By Kusum | Feb 27, 2024

 मंगलवार को पीएम मोदी ने उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की जो देश के पहले गगनयान मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे। पीएम मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने कहा कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए नामित अंतरिक्ष यात्री होंगे। इस दौरान पीएम ने इन चारों को अंतरिक्ष यात्री पंख प्रदान किए।

 

वहीं पीएम ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महिलाओं की निभाई गई अहम भूमिका पर भी जोर दिया। वहीं अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर गगनयान मिशन केलिए चुने गए पायलटों में महिला पायलट क्यों नहीं है?


दरअसल, पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि चंद्रयान व गगनयान जैसे अंतरिक्ष अभियानों में महिलाएं अहम हिस्सा हैं। और उनके बिना ये संभव नहीं होता। साथ ही एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष उड़ान के लिए यात्रियों को चुनने के तरीके में इस सवाल का जवाब मिल सकता है। दुनिया भर में ऐसे मिशन के लिए नामित अंतरिक्ष यात्री टेस्ट पायलट्स के समूह से चुने जाते हैं। गगनयान को लेकर चयन के वक्त भारत के पास कोई महिला टेस्ट पायलट नहीं थी। 


साथ ही बता दें कि, टेस्ट पायलट हाई स्किल्ड एविएटर होते हैं जिन्हें उनकी स्पेशल स्किल के चलते चुना जाता है। ये लोग इमरजेंसी के दौरान भी शांत रहने की काबिलियत रखते हैं और वायु योद्धाओं में सबसे बेहतर होते हैं। 


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का इसे लेकर बयान भी आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि, आने वाले समय में उन्हें महिला अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस फ्लाइट पर भेजने में खुशी होगी। सोमनाथ ने कहा कि भारत को बहुत जल्द मिशन एक्सपर्ट्स की जरूरत पड़ेगी। महिलाओं को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर इस भूमिका में अच्छी तरह फिट किया जा सकता है। फिलहाल गगनयान के पहले कुछ मिशन पर उस चालक दल के लोग जाएंगे जिन्हें चुना गया है और जो  ट्रेंड हैं। 


विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक और भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के बड़े चेहरे डॉ उन्नीकृष्णन नायर ने भी आगे का प्लान बताया। उन्होंने गहा कि भविष्य में निश्चित तौर पर महिलाओं को शामिल किया जाएगा। क्योंकि इसरो के लिए लिंग नहीं, केवल प्रतिभा मायने रखती है। 

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