एक हथिनी ने हिला दी अंबानी की दुनिया, क्यों लोग करने लगे Jio का बायकाट?

By अभिनय आकाश | Aug 06, 2025

कहते हैं जानवरों को जुबां तो नहीं होती है लेकिन वो बहुत कुछ बोल देते हैं। उन्हें क्या चाहिए, वो किसके पास जाना चाहते हैं। ये सारी कहानी वो अपने हावभाव बयान कर देते हैं। इन दिनों एक जानवर को लेकर महाराष्ट्र में गहमा गहमी मची हुई है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अचानक लोगों ने जियो को बॉयकाट करना शुरू कर दिया। लोग अपने अपने मोबाइल नंबर दूसरी कंपनियों में पोर्ट कराने लगे। कोल्हापुर के नंदिनी गांव के लोग सड़कों पर उतर आए। जियो के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। लेकिन ये इतना सबकुछ क्यों हो रहा था? इसकी वजह है माधुरी या कहें महादेवी। पोस्टर्स, हजारों लोगों की भीड़ आंखों में आंसू लिए इंसानी से जुड़े किसी मुद्दे के लिए नहीं बल्कि 36 साल की हथिनी को लेकर उमड़ पड़ी। माधुरी नाम की हाथिनी को कोल्हापुर के गांव से वंतारा ले जाया गया। 

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एक नई तरह की मुहिम महाराष्ट्र में अंबानी परिवार के खिलाफ खासकर कोल्हापुर के इलाके में इन दिनों देखने को मिली है। प्यार से इसे सभी माधुरी पुकारते हैं वैसे इसका नाम महादेवी है। पिछले 34 सालों से जैन मठ के आश्रम में इस हाथिनी को रखा गया था। अचानक किसी की नजर पड़ी। महादेवी हथिनी को जहां रखा गया था। वहां पर इसे बेड़ियों से जकड़कर रखा गया था। देखने वाले को लगा कि ये जानवर बहुत कष्ट में है। जानवर तो ये बोल नहीं सकते कि उन्हें तकलीफ हो रही है या नहीं। इसकी शिकायत डाली गई। शिकायत पेटा और कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने इस मामले को पहले स्वीकार किया। इसके बाद सुनवाई होने लगी। फिर कोर्ट ने ऑर्डर किया कि हथिनी का रेस्क्यू किया जाएगा। मतलब जहां पर रखा गया है वहां से निकाला जाएगा। 

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फिर हाई कोर्ट के आदेश के बाद वन्य जीव पुर्नवास केंद्र वंतारा इसे भेजा गया। कोर्ट ने सबसे पहले पेटा को कहा और उसने इस हथिनी का रेसक्यू किया। फिर वहां से वंतारा भेजा गया। वंतारा में इसलिए भेजा गया क्योंकि जांच में पता चला कि माधुरी बहुत बीमार है। माधुरी की इस हालत को देखकर उन्हें लगा कि उसे बहुत सख्त इलाज की जरूरत है और इलाज सिर्फ वंतारा में ही हो सकता है। इसलिए इसे गुजरात के वंतारा में भेज दिया गया। इस निर्णय से कोल्हापुर के नागरिक बहुत नाराज हो गए। वो बहुत ज्यादा गुस्से में हैं। कहा जाता है कि माधुरी हथिनी जिस जैन मठ में थी वहां पर इसे बड़ा पूजनीय माना जाता था। कोल्हापुर से लोग जब आते थे तो पूजा करते थे और फूल माला चढ़ाते थे। इसके बाद लोग इस कदम से नाराज हो गए। पिछले एक सप्ताह से कोल्हापुर के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तो 45 किलोमीटर से ज्यादा की पैदल यात्रा निकाली गई। 

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जैन मठ में 700 सालों से ये परंपरा है कि यहां हाथी पाला जाता है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। वंतारा के विरोध में लोगों ने जियो के बहिष्कार की भी खबरे सामने आई। एक मीडिया रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने जियो नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट करा लिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने फरवरी 2024 अपने वनतारा (जंगल का तारा) प्रोग्राम को लॉन्च किया। गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट में 3000 एकड़ में फैला वनतारा ग्लोबली कंजर्वेशन के प्रयासों में सबसे आगे रहना चाहता है। 

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