लेह का नाम आते ही हमारी आंखों के सामने बर्फ, दर्रे और शांत वादियों के नजारों के साथ ही दोस्तों के साथ बाइक ट्रिप के नजारे सामने आते है। लेह-लद्दाख दुनिया के सर्वाधिक ऊंचे पर्यटन स्थलों में से एक में शुमार है। यहां जाने के लिए आमतौर पर युवा बाइक की सवारी करना पसंद करते है। मगर जिन लोगों के लिए बाइक से इतने दूर के सफर को पूरा करना संभव नहीं है वो बस से भी यहां तक पहुंच सकते है।
ये बस सर्विस हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा चलाई जाएगी। लेह जाने की इच्छा रखने वाले यात्री देश के सबसे लंबे और ऊंचाई वाले दिल्ली-लेह रूट पर बस यात्रा का मजा ले सकेंगे। इस सेवा को हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा दोबारा संचालित किए जाने की योजना शुरू की जा रही है। केलांग डिपो से इस बस सर्विस की शुरुआत आठ जून से होगी। बता दें कि बीते वर्ष भी इस बस सर्विस की शुरुआत हुई थी जो कि 15 जून से चलाई गई थी। बीते वर्ष मुकाबले इस बार बस सर्विस को निगम ने एक सप्ताह पहले ही शुरू करने का फैसला किया है।
बता दें कि लेह से केलांग तक का सफर 1 हजार 026 किलोमीटर का है। बस में इस यात्रा को पूरा करने में यात्री को 30 घंटे का समय लगेगा। वहीं हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा चलाई जा रही बस से यात्रा करने पर यात्री को सिर्फ 1 हजार 740 रुपये का भुगतान करना होगा।
तीन ड्राइवर और दो कंडक्टर करते हैं सफर
दिल्ली से लेह का सफर 1 हजार 026 किलोमीटर लंबा है। इस बस के सफल संचालन के लिए बस में तीन ड्राइवर और दो कंडक्टर भी मौजूद होंगे जो समय समय पर बस चलाएंगे। बस का पहला ड्राइवर लेह से केलांग तक लेकर पहुंचता है। दूसरा ड्राइवर केलांग से सुंदरनगर तक का सफर तय करता है। वहीं तीसरा ड्राइवर सुंदरनगर से दिल्ली तक का सफर करता है। इस दौरान बस में दो कंडक्टर भी सेवाएं देते है। पहले कंडक्टर की सेवाएं लेह से केलांग तक और दूसरे कंडक्टर की सेवाएं केलांग से दिल्ली तक के लिए होती है।
ऐसे लें रोमांचक सफर का मजा
लेह से दिल्ली तक आने के दौरान बस का ये सफर बेहद मजेदार होता है। बता दें कि जिन लोगों को लेह से दिल्ली तक का सफर करना है उन्हें इसके लिए बुकिंग पहले से करवानी होगी। इसके लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करवाई जा सकती है। हिमाचल डिपो के काउंटर पर भी बुकिंग करवाई जा सकती है।
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, लेह-लद्दाख घूमने का खास मौका हिमाचल पथ परिवहन निगम देता है। इस यात्रा में यात्रियों को 16 हजार 500 फीट ऊंचाई वाले बारालाचा, 15 हजार 547 फीट ऊंचे नकिल्ला, 17 हजार 480 फीट तंगलांगला और 16 हजार 616 फीट ऊंचे लाचुंग दर्रे में लेकर जाते है।