By अभिनय आकाश | Sep 18, 2023
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने रविवार को आश्चर्य जताया कि क्या सुप्रीम कोर्ट हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेगा जैसा उसने शनिवार की रात कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को राहत देने के लिए किया था। जेएनयू वीसी 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के एक मामले में सीतलवाड को गिरफ्तारी से 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम राहत देने का जिक्र कर रहे थे। वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी मौजूद है।
वीसी ने पुणे में एक मराठी पुस्तक 'जगला पोखरनारी डेवी वालवी के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए पूछा कि तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शनिवार रात को कोर्ट खोला था। क्या यह हमारे लिए होगा? पंडित ने महाराष्ट्र में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था।
राजनीतिक शक्ति बनाए रखने के लिए, आपको कथात्मक शक्ति की आवश्यकता है। हमें इसे प्राप्त करने की आवश्यकता है। जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, हम एक दिशाहीन जहाज की तरह रहेंगे। उन्होंने आरएसएस से जुड़े संगठनों के साथ अपने बचपन के जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं बचपन में 'बाल सेविका' थी। मुझे मेरे संस्कार आरएसएस से ही मिले हैं। मुझे यह कहने में गर्व है कि मैं संघ (आरएसएस) से हूं और मुझे यह कहने में गर्व है कि मैं हिंदू हूं।