By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2018
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र के दौरान भारत के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में बेहतर बहुपक्षीय संबंध, जलवायु कार्य योजना, सतत विकास, शांति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल होंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च-स्तरीय सत्र में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को न्यूयॉर्क पहुंची और वह 29 सितंबर को वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया कि यूएनजीए के 73वें सत्र के दौरान बेहतर बहुपक्षीय संबंध, जलवायु कार्य योजना, सतत विकास, शांति और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भारत की प्राथमिकताओं में शामिल होंगे।
अकबरुद्दीन ने कहा, “बहुपक्षीय व्यवस्था कुछ खतरों एवं चुनौतियों का सामना कर रही है।” साथ ही उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के आकलन से सहमत है कि बहुपक्षीय मंच हमेशा की तरह अहम बने हुए हैं। उन्होंने कहा, “परंपरा एवं झुकाव के लिहाज से हम बहुपक्षीय संबंधों में यकीन रखने वालों में से हैं और हम स्पष्ट रूप से इस पर अपना पक्ष रखेंगे कि हमें बहुपक्षीय संबंधों की इस व्यवस्था को कैसे मजबूत बनाने और बेहतर व्यवस्था की ओर बढ़ने की जरूरत है।”
एक प्रश्न के उत्तर में अकबरुद्दीन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बहुपक्षीय संबंधों की यह व्यवस्था फिलहाल ठीक नहीं चल रही है और इसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसका एक पहलु सुरक्षा परिषद में सुधार करना है और यह बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बिना 15 सदस्यीय निकाय में निर्णय लेना संभव नहीं है। अकबरुद्दीन ने कहा, “एक बार ये सुधार हो जाएं तो भारत को सुरक्षा परिषद में अपना उचित स्थान मिल जाएगा।”
उन्होंने बताया कि इसके अलावा भारत का ध्यान जलवायु कार्य योजना और स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी केंद्रित होगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा होगी और इस दौरान समस्त स्वास्थ्य समुदाय की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्त्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत पर होगी।