By रेनू तिवारी | Nov 28, 2022
वकील और कांग्रेस नेता भीमनगौड़ा परगोंडा ने बाबा रामदेव के खिलाफ उनकी महिलाओं के कपड़ों पर हालिया टिप्पणियों को लेकर शिकायत दर्ज की है। बाबा रामदेव ने अपने एक कमेंट में कथित रूप से महिलाओं का अपमान किया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी गई एक शिकायत में, भीमनगौड़ा परगोंडा ने आरोप लगाया कि योग गुरु ने 26 नवंबर को महाराष्ट्र के ठाणे में एक योग कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान महिलाओं का अपमान किया था।उन्होंने अपनी शिकायत में कहा “मैं आपसे बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं। देश की कानूनी प्रणाली को ऐसे अपराधियों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए ताकि यह साबित हो सके कि इस तरह की टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने महाराष्ट्र के ठाणे में एक योग शिविर के दौरान महिलाओं के कपड़ों पर विवादित टिप्पणी के लिए योग गुरु और व्यवसायी रामदेव की आलोचना की। रामदेव को एक योग शिविर में यह कहते सुना गया कि महिलाएं साड़ी, सलवार सूट और कुछ भी न पहनने पर भी अच्छी लगती हैं। दरअसल योग गुरु ने यह इशारा करते हुए कहा था कि कार्यक्रम में कई महिलाएं साड़ी लेकर आईं लेकिन बैक-टू-बैक इवेंट्स के कारण उन्हें सड़ी पहनने का समय नहीं मिला। इसी बात पर जोर देते हुए रामदेव बाबा ने कहा कि महिलाएं साड़ी, सलवार सूट में अच्छी लगती हैं और मेरे हिसाब से कुछ भी न पहने तब भी अच्छी लगती हैं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस उस समय रामदेव के साथ बैठी थीं जब योग गुरु ने यह टिप्पणी की थी। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे भी मौजूद थे।
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रामदेव की टिप्पणी की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि योग गुरु-व्यवसायी को महिलाओं का अपमान करने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। मालीवाल ने ट्वीट किया "महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने महिलाओं पर स्वामी रामदेव की टिप्पणी अशोभनीय और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेवजी को इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए!"
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने पूछा कि जब टिप्पणी की गई तो अमृता फडणवीस ने विरोध क्यों नहीं किया। संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा जब राज्यपाल शिवाजी पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को कर्नाटक ले जाने की धमकी देते हैं और अब जब भाजपा प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान करते हैं, तो सरकार चुप रहती है। क्या सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख दी है?