By अनन्या मिश्रा | Sep 29, 2025
हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी जिंदगी में दिल का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आजकल की व्यस्त जिंदगी, तनाव, गलत खानपान और बैठने की आदतें हृदय के लिए बहुत खतरनाक हो सकती हैं। हार्ट अटैक या दिल की बीमारियां सिर्फ बड़े लोगों को ही नहीं बल्कि युवाओं को भी हो रही है। इस दिन को मनाएं जाने का मुख्य मकसद लोगों को हृदय रोगों के लक्षण पहचानना, समय पर जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के बारे में जागरुक करना है।
साल 2009 में वर्ल्ड हार्ट डे की शुरूआत वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा की गई थी। इस दिन को मनाए जाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनेस्को और अन्य वैश्विक संगठनों ने सहयोग किया था। इस दिन की शुरूआत कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंतोनी बेयस डी लुना द्वारा की गई थी। डॉ. अंतोनी बेयस डी लुना उस समय वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष थे। पहले यह दिन सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था। फिर साल 2011 में इस दिन को स्थायी रूप से 29 सितंबर को मनाया जाने लगा।
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि लोगों को दिल की बीमारी सिर्फ बुढ़ापे में नहीं बल्कि युवा भी इससे प्रभावित होते हैं। अधिकतर दिल संबंधी बीमारी शारीरिक गतिविधियों की कमी, गलत खानपान, स्मोकिंग और शराब के सेवन की वजह से होती है। इसलिए इस दिन लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल जीने के साथ बुरी आदतों को छोड़ने के प्रति जागरुक किया जाता है। इस दिन दुनियाभर में लोगों, संस्थाओं, डॉक्टर आदि के द्वारा कई तरह के सेमिनार और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हर साल इस मौके पर एक खास थीम रखी जाती है। इस बार की थी 'एक भी धड़कन न चूकें' यानी "Don't Miss a Beat" रखी गई है।