Wrestlers Protest: 'अपने बयान बदल रहे पहलवान', फिर बोले बृजभूषण सिंह- आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा

By अंकित सिंह | Jun 01, 2023

पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर से उनपर निशाना साधा है और पहलवानों को बार-बार अपना बयान बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं पहले दिन से अपने बयान पर कायम हूं पर पहलवानों की मांग लगातार बदलती जा रही है। आपको बता दें कि विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक और कई अन्य पहलवानों लगातार बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।


'पुलिस की जांच का इंतजार कीजिए'

आज एक बार फिर से पहलवानों पर हमला बोलते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि आपको पुलिस जांच का इंतजार करना चाहिए। बृज भूषण शरण सिंह ने गोंडा में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले इनकी(पहलवानों की) मांग कुछ और थी और बाद में मांग कुछ और हो गई। ये लगातार अपनी शर्तों को बदल रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने पहले दिन कहा था कि अगर एक भी प्रकरण मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। मैं आज भी अपने उसी बात पर कायम हूं। मेरा सभी से अनुरोध है कि आप पुलिस की जांच का इंतजार कीजिए। 

 

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संवेदनशीलता के साथ निपट रहा है केंद्र: ठाकुर

प्रदर्शनकारी पहलवानों के मुद्दे पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने जांच के लिए समिति के गठन की पहलवानों की मांग स्वीकार कर ली है और जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी पहलवानों के मुद्दे से संवेदनशीलता के साथ निपट रही है। पहलवानों ने प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी जो दिल्ली पुलिस ने किया है। भारतीय कुश्ती महासंघ ने प्रशासकों की समिति का गठन किया है क्योंकि उन्होंने मांग की थी कि पदाधिकारियों को संचालन करने की स्वीकृति नहीं दी जाए।


पहलवान अपने घर लौटे

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में साक्षी मलिक को छोड़कर बाकी सभी हरियाणा स्थित अपने घर लौट गये। पहलवानों ने दावा किया कि ‘मौन व्रत’ के कारण उन्होंने हरिद्वार में मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। पहलवानों को हालांकि एक-दूसरे के कानों में फुसफुसाते हुए देखा गया था। पहलवानों ने 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था लेकिन 28 मई को नये संसद भवन की ओर मार्च करते समय उन्हें हिरासत में लिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से उनके सामान को हटा दिया और वहां वापस आने से रोक दिया।

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