Year 2025: क्रिकेट से परे भारत की बहु-आयामी खेल शक्ति और वैश्विक सफलता का साल
By Neha Mehta | Nov 24, 2025
साल 2025 भारतीय खेलों के लिए सिर्फ एक और कैलेंडर वर्ष नहीं था, बल्कि यह एक परिवर्तनकारी मोड़ साबित हुआ। लंबे समय तक भारत की खेल पहचान लगभग पूरी तरह क्रिकेट तक सीमित रही, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। 2025 में भारत ने न केवल क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रखा, बल्कि ओलंपिक खेलों, पैरा स्पोर्ट्स, स्पेशल ओलंपिक्स, बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती, तीरंदाजी, हॉकी और शतरंज जैसे क्षेत्रों में भी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत अब बहु-आयामी खेल शक्ति बनने की राह पर है।
इस साल की सबसे बड़ी कहानी रही पैरा स्पोर्ट्स और स्पेशल ओलंपिक्स में अभूतपूर्व प्रदर्शन, जिसने भारत को एक समावेशी खेल शक्ति के रूप में स्थापित किया।
पैरा स्पोर्ट्स: दिल्ली से दुनिया तक गूंजती भारतीय दहाड़
2025 की सबसे ऐतिहासिक घटनाओं में से एक थी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी, जो पहली बार भारत में हुई।
- 186 मेडल इवेंट्स (पुरुष, महिला और मिक्स्ड) के साथ यह अब तक की सबसे बड़ी पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप रही।
- भारत ने अंक तालिका में चौथा स्थान और मेडल तालिका में टॉप-10 में जगह बनाकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया।
भारतीय एथलीटों ने इस चैंपियनशिप में:
- 3 चैम्पियनशिप रिकॉर्ड बनाए
- 7 एशियाई रिकॉर्ड तोड़े
- दर्जनों पर्सनल बेस्ट प्रदर्शन किए
यह सफलता केवल स्टार खिलाड़ियों की वजह से नहीं, बल्कि पूरे दल की तैयारी, क्षमता और गहराई का नतीजा थी। 2015 से 2025 के बीच भारत ने पैरा एथलेटिक्स में जो प्रगति की, वह किसी भी खेल में इतनी तेजी से हुई उन्नति की मिसाल बन चुकी है।
ग्रां प्री और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं
वर्ल्ड चैंपियनशिप के अलावा, ग्रां प्री और वर्ल्ड टूर में भी भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार डबल डिजिट मेडल हासिल किए। कभी-कभी सिर्फ 5–6 खिलाड़ियों वाले दल से ही 8–10 मेडल आने से भारत की मजबूत तैयारी और सपोर्ट सिस्टम साफ दिखा।
पैरा बैडमिंटन, पैरा शूटिंग और अन्य खेल
- पैरा बैडमिंटन: भारत दुनिया की शीर्ष ताकतों में शामिल है। टोक्यो पैरालिंपिक के बाद से लगातार वर्ल्ड टूर और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल हासिल हो रहे हैं।
- पैरा शूटिंग और पैरा तीरंदाजी: भारतीय खिलाड़ी नियमित रूप से विश्व और एशियाई स्तर पर पोडियम पर दिख रहे हैं।
पैरा स्पोर्ट्स अब भारत में “साइड स्टोरी” नहीं, बल्कि मुख्यधारा की ताकत बन चुकी हैं।
स्पेशल ओलंपिक्स: भारतीय इतिहास रचती जीत
2025 के स्पेशल ओलंपिक्स वर्ल्ड विंटर गेम्स में भारत ने अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया:
- 33 मेडल: 8 स्वर्ण, 18 रजत, 7 कांस्य
यह केवल मेडल की संख्या नहीं, बल्कि समावेशन और समान अवसर का प्रतीक भी है। बौद्धिक अक्षमता से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिए यह एक प्रेरणादायक सफलता रही।
ओलंपिक खेलों में भारत: स्थिर लेकिन बढ़ती ताकत
एथलेटिक्स (गैर-पैरा)
- जेवलिन थ्रो जैसे इवेंट्स में भारत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना हुआ है।
- एशियाई स्तर पर मजबूत प्रदर्शन जारी, वर्ल्ड चैंपियनशिप और डायमंड लीग में भारत की मौजूदगी कायम।
- हालांकि, दौड़ और अन्य फील्ड इवेंट्स में व्यापक ताकत अभी विकसित नहीं हुई।
2025 एथलेटिक्स में कंसोलिडेशन ईयर रहा – पिछले वर्षों की प्रगति को स्थिर और मजबूत करना।
बैडमिंटन
- वर्ल्ड टूर, ऑल इंग्लैंड, वर्ल्ड चैंपियनशिप और थॉमस/उबर कप में भारतीय खिलाड़ियों की नियमित उपस्थिति।
- कई खिलाड़ियों ने वर्ल्ड टूर खिताब जीते।
- भारत टियर-1.5 स्थिर ताकत के रूप में चीन, जापान और इंडोनेशिया के ठीक पीछे।
शूटिंग
- आईएसएसएफ वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार मेडल।
- युवा खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या और मजबूत घरेलू संरचना ने भारत को विश्व की मेडल मशीन बना दिया।
कुश्ती और मुक्केबाज़ी
- कुश्ती में भारत टॉप-10 रेसलिंग नेशन्स में बना।
- मुक्केबाज़ी में खासकर महिला बॉक्सिंग भारत की ताकत बनी हुई है।
तीरंदाजी, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, हॉकी
- तीरंदाजी: रीकर्व और कंपाउंड में नियमित पोडियम।
- टेबल टेनिस: एशियाई और वैश्विक स्तर पर रैंकिंग सुधार, कई बड़े अपसेट।
- वेटलिफ्टिंग: एशियाई और कॉमनवेल्थ स्तर पर मजबूत।
- हॉकी: अब हर बड़े टूर्नामेंट में मेडल कंटेंडर।
क्रिकेट: वैश्विक केंद्र बना हुआ
- टेस्ट, वनडे और टी20 में विश्व की शीर्ष टीम।
- आईपीएल: दुनिया की सबसे मूल्यवान टी20 लीग, दर्शक और आर्थिक बढ़त जारी।
- भारत की क्रिकेट ताकत अब वैश्विक सॉफ्ट पावर भी बन चुकी है।
शतरंज
- भारत अब पूर्ण विकसित सुपरपावर बन चुका है।
- कई ग्रैंडमास्टर टॉप रैंकिंग में।
- जूनियर स्तर पर रूस और यूरोप को टक्कर।
- वर्ल्ड कप, कैंडिडेट्स और ओलंपियाड में लगातार चमक।
टीम स्पोर्ट्स: लंबा सफर बाकी
- फुटबॉल पुरुष टीम अभी विश्व स्तर पर निचले रैंकिंग में।
- इंडियन सुपर लीग ने बुनियादी ढांचे और प्रोफेशनलिज़्म में सुधार किया।
- बास्केटबॉल और अन्य टीम स्पोर्ट्स में अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी सीमित।
भारत ने क्रिकेट की छाया से बाहर निकलकर पैरा स्पोर्ट्स, स्पेशल ओलंपिक्स, बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती, तीरंदाजी, हॉकी और शतरंज के माध्यम से खुद को एक समावेशी और बहु-आयामी खेल शक्ति के रूप में दुनिया के सामने पेश किया।
मुख्य उपलब्धियां:
- पैरा एथलेटिक्स और स्पेशल ओलंपिक्स में ऐतिहासिक मेडल
- ओलंपिक खेलों में स्थिर और मजबूत प्रदर्शन
- क्रिकेट और आईपीएल में वर्चस्व
- शतरंज और ईस्पोर्ट्स में उभरती ताकत
आगे की चुनौती: यह सफलता सिस्टम, नीतियों और निवेश के जरिए स्थायी बनाना, ताकि भारत आने वाले दशक में अधिकांश ओलंपिक और गैर-ओलंपिक खेलों में नियमित मेडल दावेदार बन सके।