By अनन्या मिश्रा | Jul 31, 2025
आयुर्वेद के अनुसार, बकरे का मांस या फिर मटन के सेवन से वात, कफ और अग्नि की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि मांस भारी और चिकनाई युक्त होता है और इसको पचाने में भी दिक्कत होती है। अगर आप बारिश के मौसम में बकरे का मांस खाता है, तो उसको भारीपन, अपच, सूजन, जोड़ों में दर्द और नींद में बेचैनी की समस्या हो सकती है।
इस मौसम में चिकन खाने से कब्ज, अपच, गैस और दस्त की समस्या हो सकती है। क्योंकि मुर्गे का मांस बहुत चिकना होता है, जिसके कारण व्यक्ति को स्किन संबंधी समस्या भी हो सकती है।
बीफ या रेड मीट जैसे भारी मांस का सेवन करने से शरीर में भारीपन होता है। इसको पचने में भी समस्या होती है। इनमें भी फैट कंटेंट बहुत ज्यादा होता है। जिस कारण उल्टी, अपच से लेकर फोड़े-फुंसी आदि की समस्या हो सकती है।
इस मौसम में मछलियों में अंडे होते हैं, जिस कारण से इनको नहीं खाना चाहिए। ऐसी मछलियां खाने से बॉडी में लालिमा और खुजली की समस्या हो सकती है। इसका सेवन करने से शरीर का कफ बढ़ जाता है। जोकि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
मानसून में बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन ज्यादा होता है। बहुत ज्यादा नमी, साफ-सफाई न होने और धूप की कमी से डाइजेशन बिगड़ने की समस्या हो सकती है। इस समय पानी भी साफ नहीं मिलता है और दूषित पानी पीने से भी समस्या बढ़ सकती है।