2030 तक गरीबी, गंदगी, कुपोषण, निरक्षरता होगी बीते समय की बात

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 01, 2019

नयी दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने अगले दशक के लिए 10 सूत्री परिकल्पना पेश की है, जिसमें एक ऐसे भारत के निर्माण की बात है जहां गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होगी। लोकसभा में शुक्रवार को वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए इन 10 सूत्री परिकल्पना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030 में 10 सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण आयामों को सूचीबद्ध करते हुए अगले दशक के लिए अपनी परिकल्‍पना पेश की है। 

उन्‍होंने कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करेंगे जहां गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिक से संचालित, उच्‍च विकास के साथ एक समान और पारदर्शी समाज होगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में पांच हजार करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था होने की ओर अग्रसर है और इसके बाद यह 10 हजार करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि इस परिकल्‍पना के प्रथम आयाम के अंतर्गत 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और सहज-सुखद जीवन के लिए भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि परिकल्‍पना के दूसरे आयाम के अंतर्गत एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना है जहां हमारा युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्‍यापक स्‍तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम मे लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्व करेगा। भारत को प्रदूषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल वाहनों और नवीकरण ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देना। उन्होंने कहा कि आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगीकीकरण विस्तार के माध्‍यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना। सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने के माध्‍यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।

उन्होंने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्‍यम से देश के विकास को सशक्‍त बनाना। गोयल ने कहा कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम-गगनयान, भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने का “लांच पैड” बन चुका है और 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना इस आयाम को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्‍पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्म निर्भर बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्यान्नों का निर्यात करने की परिकल्पना है। 

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इसके तहत 2030 तक स्वस्थ भारत और एक बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल एवं व्यापक आरोग्यकर प्रणाली के साथ-साथ आयुष्‍मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्‍वपूर्ण घटक होगा। उन्होंने कहा कि भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम अभिशासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के अभिशासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।

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