Pakistan Earthquake: दक्षिणी पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके, 20 की मौत, 200 से ज्यादा बुरी तरह घायल

By रेनू तिवारी | Oct 07, 2021

क्वेटा। दक्षिणी पाकिस्तान में गुरुवार तड़के जब लोग सो रहे थे, तब भूकंप के तेज झटके आये जिसमें करीब 20 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान में जह भूकंप आया तो हालात काफी खौफनाक हो गये। बलूचिस्तान प्रांत में 5.7 तीव्रता के भूकंप के बाद छत और दीवारें गिरने से कई पीड़ितों की मौत हो गई, बिजली कटौती के कारण स्वास्थ्य कर्मियों को फ्लैशलाइट का उपयोग करके घायलों का इलाज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र हरनाई का सुदूर पहाड़ी शहर था, जहां पक्की सड़कों, बिजली और मोबाइल फोन कवरेज की कमी ने बचाव दल को बाधित किया। बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लंगौ ने कहा, हमें सूचना मिल रही है कि भूकंप के कारण 20 लोग मारे गए हैं। प्रांतीय सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी सुहैल अनवर हाशमी ने बताया कि मारे गए 20 लोगों में एक महिला और छह बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में तेज भूकंप के झटके, 20 लोगों की मौत

दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को आए तेज भूकंप ने दूरदराज के पहाड़ी इलाके में कोयले की खदानों और मिट्टी के घरों को थर्रा दिया। इससे कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हैं। क्षेत्र के उपायुक्त सुहैल अनवर शाहीन ने बताया कि मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि दूरदराज के पहाड़ी इलाके में अभी तलाश एवं बचाव अभियान चल रहा है। शाहीन ने स्थानीय कोयला खनिकों से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि कम से कम चार लोगों की मौत कोयले की खदान ढहने से हो गई, हादसे के समय वे उसमें काम कर रहे थे।

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 भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई 

अमेरिका के भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई है और इसका केन्द्र बलूचिस्तान प्रांत में हरनाई से 14 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्वोत्तर में 20 किलोमीटर की गहराई पर था। उन्होंने बताया कि प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब 100 किलोमीटर दूर यह इलाका कोयला खदानों से भरा हुआ है, ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इस क्षेत्र की अधिकांश आबादी मिट्टी के घरों में रहती है, इनमें से कई घर ढह गए। बचाव कार्य जारी है। शाहीन ने बताया कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में अभी कई घंटे का वक्त लग सकता है।

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