औद्योगिक ऋण का 23 प्रतिशत एमएसएमई क्षेत्र को: रिपोर्ट

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 20, 2018

मुंबई। मार्च, 2018 के अंत में बैंकों द्वारा दिया गया वाणिज्यिक ऋण 54,200 अरब रुपये के बराबर था। इसमें से 23 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु एवं मझोले उद्योगों को मिला है। सिबिल-सिडबी की एक रिपोर्ट में आज कहा गया है कि मार्च, 2018 तक बही खातों में बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कर्ज 54,200 अरब रुपये रहा है। इसमें सूक्ष्म और लघु एवं मझोले उपक्रमों का हिस्सा 12,600 अरब रुपये या 23 प्रतिशत रहा है।

इस साल मार्च में बकाया वाणिज्यिक ऋण में बड़ी कंपनियों का हिस्सा 67 प्रतिशत रहा था। इसमें 18 कर्ज की किस्तें नियमित नहीं थी। मार्च, 2017 में अनियमित निपटान वाले कर्जों का अनुपात 16 प्रतिशत रहा था। मध्यम आकार की कंपनियों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां मार्च 2017 के 16.3 प्रतिशत से घटकर मार्च, 2018 में 15.9 प्रतिशत पर आ गईं। इसकी एक वजह यह है कि डूबे कर्ज को संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) को बेचा जा रहा है।

हालांकि, बीते वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाहियों के बीच एनपीए में तिमाही वृद्धि काफी ऊंची रही। एमएसएमई क्षेत्र का डूबा कर्ज इस दौरान स्थिर और सीमित दायरे में रहा। सूक्ष्म उद्योगों का डूबा कर्ज मार्च, 2017 में 8.9 प्रतिशत था, जो मार्च, 2018 में 8.8 प्रतिशत रह गया। एसएमई क्षेत्र में डूबा कर्ज मार्च, 2017 के 11.4 प्रतिशत की तुलना में मार्च, 2018 में 11.2 प्रतिशत रहा।

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