विश्व कप जीत के 35 साल: कपिल की टीम अब भी प्रासंगिक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 26, 2018

नयी दिल्ली। भारत के 1983 क्रिकेट विश्व कप में जीत के आज 35 साल पूरे हो गए और क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर कपिल देव की कप्तानी में झंडे गाड़ने वाली टीम अब भी प्रासंगिक हैं। आज ही के दिन 1983 में भारत ने तब की सर्वश्रेष्ठ टीम वेस्टइंडीज को हराकर क्रिकेट जगत का सर्वोच्च खिताब अपने नाम किया था। टीम ने तमाम समीकरण बिगाड़ते हुए क्लाइव लॉयड के नेतृत्व वाली विपक्षी टीम को 43 रन से परास्त कर पहली बार विश्व कप अपने नाम किया था।

इसके बाद 2011 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दोबारा विश्व कप जीता और धोनी के नुवान कुलशेखरा की गेंद पर छक्का मारकर भारत को जीत दिलाने की यादें अब भी करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में ताजा होंगी। बहुत सारे लोग कहेंगे कि धोनी का वह छक्का ही फाइनल मैच की याद दिलाता है और उसके अलावा बाकी यादें धुंधली पड़ गयी हैं जबकि मैच के अहम पहलुओं में महेला जयवर्धने का शानदार शतक और भारत की जीत में योगदान देने वाली गौतम गंभीर की 97 रन की पारी भी शामिल है। 

 

इसके उलट अगर 1983 विश्व कप फाइनल पर नजर दौड़ाएं तो उसका एक-एक अहम पड़ाव क्रिकेट प्रेमियों के मन में रचा बसा हुआ है। मैच में बलविंदर सिंह संधू का गॉर्डन ग्रीनिज को बोल्ड करना , अनिल कुंबले की रफ्तार से डाली गयी अमरनाथ की गेंद को जेफ डुजों का विकेट पर खेल जाना , माइकल होल्डिंग को पगबाधा आउट करने के बाद अमरनाथ का पैवेलियन की तरफ उसेन बोल्ट की रफ्तार से दौड़ जाना, कपिल देव का विवियन रिचर्ड्स का कैच लेना क्रिकेट से जुड़ी भारत की सबसे अहम यादों में शामिल हैं। 

 

भारत की पहली विश्व कप जीत ने देश की आगामी कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और बाद की पीढ़ी के सबसे शानदार और विस्फोट बल्लेबाजों में शामिल वीरेंद्र सेहवाग ने विश्व कप जीत को याद करते हुए आज ट्विटर पर एक तस्वीर भी डाली। सहवाग ने तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘यह तस्वीर और वह जीत हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के मन में हमेशा बसी रहेगी जिसने भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया। 35 साल गुजर गए और उम्मीद है कि अब से एक साल बाद (2019 विश्व कप) हमारी भारतीय टीम उसी मैदान पर यह सफलता दोहराएगी।’’ 

 

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