By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 09, 2016
एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय घरों में 78,300 करोड़ रुपये मूल्य के इस्तेमालशुदा सामान बिना काम के पड़े हैं जिसमें कपड़े, बर्तन व किताबें शामिल हैं। इस्तेमाल शुदा सामान खरीदने बेचने की सुविधा देने वाली आनलाइन कंपनी ओएलएक्स ने एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला है। ‘इस्तेमालशुदा सामान व ब्रिकी रुख पर उपभोक्ता अनुसंधान (क्रस्ट) सर्वे 2014-15’ के द्वितीय संस्करण के अनुसार इस्तेमालशुदा सामान का अनुमानित बाजार लगभग 56200 करोड़ रुपये था।
इससे पहले 2013-14 में पहले सर्वेक्षण में ओएलएक्स ने ‘ब्राउन मनी’ शब्द का इस्तेमाल उस मूल्य के रूप में किया जो कि घरों में इस्तेमाल नहीं किए जा रहे सामान के रूप में पड़ा है। यानी ऐसा सामान जो घरों में यूं ही धूल खा रहा है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए यह ताजा रपट ओएलएक्स तथा बाजार अनुसंधान फर्म आईएमआरबी ने तैयार की है। इसके अनुसार औसतन हर परिवार में 12 विभिन्न कपड़े, 14 बर्तन या किचन का दूसरा सामान, 11 किताबें, सात किचन उपकरण, दो मोबाइल फोन व तीन घड़ियों का भंडार है। इस भंडार के लिहाज से दक्षिण भारत अन्य क्षेत्रों की तुलना में उपर है। शहरों में चंडीगढ़ व कोच्चि सबसे ऊपर है।