बीजिंग ओलंपिक के अखाड़े में कूटनीति का खेल, चीन के साथ पुतिन, ड्रैगन की निरंकुशता को यूरोपीय संघ की सीधी चुनौती

By अभिनय आकाश | Dec 22, 2021

चीन को बीजिंग ओलंपिक को लेकर डर लग रहा है। यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सभी ने राजनयिक बहिष्कार का ऐलान किया है। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया की तरह कनाडा ने भी मानवाधिकार चिंताओं के कारण ये फैसला लिया है। वहीं मानवाधिकार के मुद्दे को लेकर ओलंपिक खेलों का बहिष्कार झेल रहे चीन को रूस का साथ मिला है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने फरवरी में चीन में होने वाले विंटर ओलिंपिक के दौरान जिनपिंग से मुलाकात होने की संभावना जताई। पुतिन न केवल खेलों के उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे, बल्कि इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिन¨फग से उनकी बैठक भी होनी है। पुतिन के इस दांव के बाद शी ने भी नाटो से सुरक्षा की लिखित गारंटी संबंधी रूस की मांग का समर्थन किया है कि नाटो पूरब की ओर अपना विस्तार नहीं करे और यूक्रेन में हथियारों के जमावड़े से बचे। दरअसल रूस को इससे अपने लिए खतरे की आशंका है।

एंटी चाइना सेंटिमेंट्स फैलाया जा रहा- ग्लोबल टाइम्स

 ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि बीजिंग विंटर ओलंपिक से पहले जानबूझकर अमेरिका से एंटी चाइना सेंटिमेंट्स फैलाया जा रहा है। अमेरिकी सांसद दलाई लामा का मुद्दा उठाकर चीन पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिकी सांसद बाइडेन-दलाई लामा  की मुलाकात पर जोर देकर एंटी चाइना सेंटिमेंट्स को हवा दे रहे हैं। 2008 में भी ओलंपिक से पहले चीन के खिलाफ शिनजियांग को लेकर माहौल बनाया गया था। 

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चीन के समर्थन में खुलकर उतरा रूस

पुतिन ने कहा कि बीजिंग में होने वाले विंटर ओलंपिक में वो मौजूद होंगे। जिनपिंग से पुतिन ने खुलकर चीन का साथ देने का वादा किया है। शी जिनपिंग के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने बीजिंग ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में मौजूद होने का दावा किया है। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता तब हुई है, जब विभिन्न मसलों पर दोनों देशों के अमेरिका और उसके मित्र राष्ट्रों से तनावपूर्ण रिश्ते बने हुए हैं।

अमेरिका नहीं बल्कि  रूस की राह पर भारत

चीन के साथ पिछले एक साल से ज़्यादा वक़्त से सरहद पर तनाव है और दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। दोनों देशों के सैनिकों में हिंसक झड़प भी हो चुकी है और सैनिकों की मौत भी। ऐसे में माना ये जा रहा था कि भारत भी अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों की तरह ही चीन को लेकर कुछ इसी तरह का कदम उठाकर मानवाधिकार के खिलाफ चीन को सख्त संदेश देगा। लेकिन इस सब से इतर भारत-चीन तनावपूर्ण संबंधों के बीच 2022 में बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में भारत ने समर्थन किया है। ब्रह्मा चेलानी ने ये सवाल खड़ा किया है कि कैसे हमारी सरकार बीजिंग विंटर ओलंपिक का समर्थन कर रही है। कैसे हमारे इसरो ने ओपो के साथ टाइअप कर रखा है।   

बहरहाल, बीजिंग ओलंपिक के अखाड़े में जो कूटनीतिक खेल चल रहा है उसमें फिलहाल भारत ने चीन के साथ खड़ा होने की सोची है। लेकिन भारत का फाइनल स्टैंड एलएसी पर अगले दो-तीन महीनों में होने वाले घटनाक्रम उस पर निर्भर करेगा। बीजिंग में हम खेलने चले जाएं और वो हमारी सीमाओं पर खेलते रहे ऐसा संभव होना मुश्किल है।   

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