By अभिनय आकाश | Jul 23, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन करेगा जिसमें उन्होंने एक आंतरिक जाँच समिति की रिपोर्ट को अमान्य ठहराने की माँग की है, जिसने उन्हें नकदी बरामदगी मामले में कदाचार का दोषी पाया था। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि मुझे एक पीठ का गठन करना होगा। सिब्बल ने वर्मा की ओर से मामले का उल्लेख किया था। मुख्य न्यायाधीश उस पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे जिसमें न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची भी शामिल थे।
वर्मा ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा 8 मई को की गई सिफारिश को रद्द करने की भी माँग की है, जिसमें संसद से उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का आग्रह किया गया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाले तीन न्यायाधीशों के पैनल ने 10 दिनों तक जांच की, 55 गवाहों से पूछताछ की और उस घटनास्थल का दौरा किया, जो 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास पर लगी आकस्मिक आग के कारण लगी थी। न्यायमूर्ति वर्मा उस समय दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं।