‘आप’ ने ‘रेड राज’ खत्म किया, लोगों का सरकार में भरोसा बढ़ा: अरविंद केजरीवाल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 24, 2019

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘रेड राज’ को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के सत्ता में आने के बाद लोग ज्यादा कर देने लगे हैं। तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि 2015 में सरकार को करों से प्राप्त होने वाला राजस्व 30 हजार करोड़ रुपये था जोबढ़कर इस साल करीब 60 हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि बीते पांच बरस में जो अनेक ‘अजूबे’ हुए उनमें से यह एक है।  उन्होंने कहा कि 2010 में कर से राजस्व संग्रह 25 हजार करोड़ रुपये था। 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘2010-2015 के बीच पांच साल में औसतन हर साल एक हजार करोड़ रुपये के हिसाब से राजस्व बढ़ा, लेकिन 2015 से अबतक यह बढ़ोतरी हर वर्ष करीब छह हजार करोड़ रुपये है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अजूबा कैसे हुआ। इन सालों में लोगों का भरोसा सरकार में बढ़ा। मैंने आयकर विभाग में काम किया है और हमने सोचा कि लोग कर देने से क्यों बचते हैं। इसका एक कारण यह है कि अगर उन्हें लगता है कि भ्रष्ट सरकार है तो वे कर देना नहीं चाहेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन, अगर उन्हें लगे कि मौजूदा सरकार ईमानदार है तो वे कर देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने ‘रेड राज’ खत्म किया और व्यापारियों तथा कारोबारियों को इस की तसल्ली दी कि उन्हें छापामारी करके तंग नहीं किया जाएगा। अब लोग कर देना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि ईमानदार सरकार के पास दिल्ली का जिम्मा है।’’ दिल्ली सरकार के डेंगू रोधी अभियान को तेज करते हुए केजरीवाल ने विभिन्न निवास कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। 

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‘आप’ सरकार ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने आरडब्ल्यूए के शीर्ष निकाय यूआरजेए और सिटिज़ंस एलायंस के साथ समझौता किया है, जो समूची दिल्ली में आरडब्ल्यूए से संपर्क करने की उसकी पहल का हिस्सा है। दिल्ली सरकार ‘10 हफ्ते, 10 बजे 10 मिनट’ अभियान के तहत राष्ट्रीय राजधानी के तीन हजार से ज्यादा आरडब्ल्यूए को साझेदार बनाने की भी योजना बना रही है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘ बहुत जल्द हम विभिन्न आरडब्ल्यूए से समझौता करेंगे और अभियान को गति देंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की आशंका है कि इस साल डेंगू के मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा चार-पांच साल के चक्र में होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ 2015 में दिल्ली में डेंगू के 15,000 मामले आए थे और 60 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन हमने इन वर्षों के दौरान इस पर काम किया और डेंगू के मामले काफी कम हैं। कल तक, संख्या करीब 221 थी।’’ 

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