By अभिनय आकाश | Feb 04, 2025
डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। ट्रंप के सत्ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ और कई बंदियों की रिहाई भी हुई। इससे अब उम्मीद बढ़ने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी। इस बीच नेतन्याहू ने अमेरिका पहुंचने से पहले एक बड़ा बयान दिया। नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते समान्य बनाने को लेकर बहुत अहम बैठक होने जा रही है। इसके अलावा बंधकों की रिहाई पर भी नेतन्याहू और ट्रंप के बीच चर्चा होगी। पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में उनसे मिलने वाले वो पहले विदेशी नेता हैं। पीएम नेतन्याहू का वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में भव्य स्वागत भी हुआ।
नेतन्याहू ने कहा कि वो राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमास के साथ जारी युद्ध और सभी बंधकों की रिहाई के अलावा ईरान के आंतकी एक्सिस पर चर्चा करेंगे। इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा। ताकत के बल पर शांति हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे। नेतन्याहू के प्रवक्ता दोस्तरी ने कहा कि हमारी इच्छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्छा है। ट्रंप चाहते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में वह अब्राहम अकॉर्ड 2 करें जिससे इजरायल और सऊदी में दोस्ती हो जाए।
इजरायल और अरब देशों के बीच का अब्राहम समझौता
इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 13 अगस्त 2020 को हुआ था। उसी रात 11 सितंबर को इन दोनों देशों ने समझौता पर हस्ताक्षर किए। अब्राहम के नाम की खासियत ये है कि इसे इस्लाम, ईसाई और यहूदी तीनों ही धर्मों में पवित्रता के साथ लिया जाता है। इसका मतलब सहयोग की भावना है। अब्राहम समझौते का मुख्य मकसद अरब और इजरायल के बीच आर्थिक, राजनयिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को सामान्य बनाना था। सितंबर 2020 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक अब्राहम समझौते ने इज़राइल और यूएई और बहरीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जिससे 41 साल का गतिरोध टूट गया। हालाँकि, सऊदी अरब अब्राहम समझौते का समर्थक था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया।
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