By Ankit Jaiswal | Dec 19, 2025
एडिलेड टेस्ट का दूसरा दिन धीरे-धीरे इंग्लैंड के लिए एक कठिन इम्तिहान में बदल गया। बता दें कि 41 डिग्री सेल्सियस की झुलसाती गर्मी में बेन स्टोक्स लगभग चार घंटे तक मैदान पर डटे रहे, जहां उनके सामने मिचेल स्टार्क की बाउंसर, कैमरन ग्रीन की गेंद से घुटने पर लगी अंदरूनी किनार और लगातार पड़ता शारीरिक दबाव मौजूद रहा।
मौजूद जानकारी के अनुसार, दिन-दो की भीड़ का बड़ा हिस्सा बेन स्टोक्स के आउट होने का इंतज़ार कर रहा था । 48,000 से अधिक दर्शकों के सामने इंग्लैंड की पारी 71 रन पर चार विकेट से लड़खड़ाने के बाद स्टोक्स क्रीज़ पर आए और 186 रन पर आठ विकेट गिरने तक डटे रहे। यह ऐसी स्थिति थी, जहां मैच का तीसरे दिन तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 371 रन बनाए थे, जिसे इस पिच पर कम से कम 100 रन कम माना जा रहा था। लेकिन इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी ने उसे 100 रन ज़्यादा मजबूत दिखा दिया है। बल्लेबाज़ी के सही परिस्थितियों के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ स्टार्क, ग्रीन, पैट कमिंस, स्कॉट बोलैंड और नाथन लियोन ने बिना रुके सटीक लाइन-लेंथ से दबाव बनाए रखा।
स्टोक्स की नाबाद 45 रन की पारी 151 गेंदों में आई, जिसमें आक्रामकता नहीं बल्कि जिद और धैर्य दिखा। बता दें कि कप्तान स्टोक्स पहले भी कह चुके हैं कि जरूरत से ज्यादा सतर्कता टीम को नुकसान पहुंचाती है, लेकिन इस मुकाबले में टॉप पांच बल्लेबाज़ों में से अधिकतर विकेट सुरक्षित शॉट खेलने की कोशिश में गिरे हैं।
एडिलेड की तपती धूप में यह दिन सिर्फ क्रिकेट का नहीं, बल्कि इंग्लैंड की सोच का भी आईना बना। बाज़बॉल, जो कभी पिछली असफलताओं का इलाज था, अब अपने दूसरे दौर में सीमित और असरहीन दिखने लगा। फिर भी, इन सबके बीच बेन स्टोक्स अंत तक खड़े रहे थके शरीर, ऐंठन और ऊर्जा की कमी के बावजूद और यही संघर्ष इस दिन की सबसे बड़ी कहानी बनकर उभरा।