गोवा में आदिवासी समुदाय ने केजरीवाल को बताई समस्याएं

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 22, 2016

पणजी। आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के दक्षिण गोवा के कोवरम गांव के दौरे के दौरान साल 2011 में यहां हुए आदिवासी आंदोलन की स्मृतियां ताजा हो गईं। इस आंदोलन के दौरान दो युवा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। आदिवासी युवा कार्यकर्ता रवींद्र वेलिप ने रविवार को केजरीवाल को बताया, ‘‘दो युवाओं को सिर्फ इसलिए जलाकर मार डाला गया क्योंकि वे अपने अधिकारों की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे थे। उनकी हत्या के लिए आज तक एक भी व्यक्ति को दंडित नहीं किया गया है।

 

मंगेश गांवकर और दिलीप वेलिप उस आदिवासी समूह का हिस्सा थे जिसने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरद्ध किया था। 2011 में इस आंदोलन के हिंसक रूप ले लेने पर आदिवासियों की पहल, आदर्श सहकारिता समाज की इमारत को आग लगा दी गई थी जिसमें दोनों युवकों की जलने के कारण मौत हो गई थी। वेलिप ने बताया कि राज्य के कृषि मंत्री रमेश तवाडकर भी इस समूह का हिस्सा थे। इस समूह को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था और उन लोगों ने आदिवासियों पर हमला किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। अपराधियों को कभी गिरफ्तार किया ही नहीं गया।’’

 

केजरीवाल ने आदिवासियों से जुड़े मुद्दों के बारे में ध्यान से सुना और कहा, ‘‘अगर आप सत्ता में आती है तो इस घटना में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाएगा।’’ यहां के क्वेपेम म्युनिसिपल हॉल में रविवार को केजरीवाल ने दो घंटे तक समुदाय के लोगों की समस्याएं सुनीं। इसके बाद वे कुवेरम रवाना हो गए। यही वह गांव है जहां खनन गतिविधियों को अवैध बताते हुए इनके खिलाफ पहली बार आदिवासियों ने प्रदर्शन शुरू किया था।

 

आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले एक अन्य नेता नीलेश नाईक पर भी साल 2011 में अज्ञात लोगों ने हमला किया था। नाईक कहते हैं, ‘‘गोवा के लिए नीति बनाने के दौरान आदिवासियों की नहीं सुनी जाती। हमारी जमीनें अमीर लोगों के हाथ का खेल बन गई हैं।’’ पुलिस ने नाईक पर हमला करने वाले लोगों की भी अभी तक पहचान नहीं की है। वेलिप ने कहा, ‘‘हर कदम पर आदिवासियों पर अत्याचार होता है। अनुसूचित जनजाति के आयोग के पास ताकत है लेिकन इस पर भी नेताओं का नियंत्रण है। आयोग के समक्ष कई दर्जन मामले लंबित पड़े हैं।’’ गोवा की साक्षरता दर 89 फीसदी है लेकिन आदिवासियों के बीच यह 40 फीसदी से भी कम है।

 

प्रमुख खबरें

दिल्ली के खराब AQI पर बोले परवेश वर्मा, प्रदूषण एक साल की समस्या नहीं है, हम 11 साल के...

बुरा दौर पीछे छूटा...इंडिगो के CEO ने कर्मचारियों को भेजा इंटरनल मैसेज, जानें क्या कहा?

Ram Sutar: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन, PM Modi ने जताया दुख

Modi सरकार चाहती तो हमें घुटनों पर ला सकती थी, मगर उन्होंने ऐसा करने की बजाय हमें भरपूर मदद दीः Omar Abdullah